San Diego Zoo Viral Video: सोमवार सुबह जैसे ही धरती 5.2 तीव्रता के भूकंप से कांपी, संन डिएगो जू सफारी पार्क में अफ्रीकी हाथियों के एक झुंड ने अपनी मातृ भावना का अद्भुत प्रदर्शन किया. ज़मीन हिलते ही हाथियों ने अपनी संतान को सुरक्षा देने के लिए तुरंत गोल घेरा बना लिया.
इस पल का वीडियो पार्क के एनक्लोजर से रिकॉर्ड हुआ, जिसमें पांच अफ्रीकी हाथी सुबह की धूप में आराम कर रहे थे. अचानक कैमरा हिलने लगता है और हाथी तेजी से इधर-उधर दौड़ने लगते हैं. फिर वयस्क हाथी — नडलुला, उमंगानी और खोसी — तेजी से दो 7 वर्षीय बछड़ों, जुली और म्काया, को घेर लेते हैं. ये बड़े हाथी लंबे समय तक हड़बड़ी में न भागते हुए 'अलर्ट सर्कल' में खड़े रहते हैं, कान फैले हुए, जैसे हर दिशा से संभावित खतरे पर नजर रख रहे हों.
माइंडी अलब्राइट, जो पार्क में स्तनधारियों की क्यूरेटर हैं, कहती हैं, 'जब हाथी किसी खतरे को महसूस करते हैं, तो वे एक घेरा बनाते हैं, जिसमें बच्चे केंद्र में रहते हैं और बड़े हाथी बाहर की ओर खड़े होकर सुरक्षा करते हैं.' हाथी बेहद संवेदनशील जीव हैं और जमीन से कंपन को अपने पैरों के जरिए महसूस कर सकते हैं. यही कारण है कि भूकंप के कंपन से वे तत्काल सतर्क हो गए.
वीडियो में एक बछड़ी अपनी माताओं के झुंड की ओर दौड़ती दिखती है, जबकि नन्हा नर हाथी, जुली, घेरा बनने पर किनारे खड़ा रह जाता है. अलब्राइट बताती हैं कि शायद वह अपनी बहादुरी और स्वतंत्रता दिखाना चाहता था. इस बीच किशोरी हथिनी खोसी, जिसने उसे उसकी जैविक मां नडलुला के साथ पाला है, उसे सूंड से बार-बार छूकर जैसे समझा रही हो- 'सब ठीक है और वापस घेर में आ जाओ.'
NEW: Elephants form a protective "alert circle" to protect the younger elephants at the San Diego Zoo Safari Park during the 5.2-magnitude earthquake.
Elephants Ndlula, Umngani, and Khosi formed a circle around the youngsters Zuli and Mkhaya.
The herd stayed in formation for… pic.twitter.com/XtvHS8AnE7
— Collin Rugg (@CollinRugg) April 15, 2025
अलब्राइट ने बताया कि अभी जुली एक बच्चा है और झुंड में लाड़-प्यार से पाला जा रहा है. लेकिन आने वाले वर्षों में जब वह जवान होगा, तो उसे झुंड छोड़कर अन्य नर हाथियों के 'बैचलर ग्रुप' में जाना होगा, जबकि मादा हाथियां जीवनभर पारिवारिक झुंड में ही रहती हैं.
एक घंटे बाद जब एक और झटका महसूस हुआ, तो हाथियों ने फिर से तुरंत गोल घेरा बनाया और उसके बाद, खतरे के टलने पर शांत हो गए. अलब्राइट कहती हैं, 'उन्हें ऐसा करते देखना अद्भुत था — वही भावना, जो हर माता-पिता में होती है, अपने बच्चों को बचाने की.'