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'जेब में नहीं है दम... चुनाव लड़ेंगे हम', पाकिस्तानी चुनाव आयोग के पत्र ने करा दी फजीहत

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पत्र में देश की खराब कानून-व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा है कि एक स्थिर और क्यूआरटी के रूप में सेना व सशस्त्र बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाए.

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Edited By: Naresh Chaudhary
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हाइलाइट्स

  • पाकिस्तान में अगले साल 8 फरवरी को होने हैं आम चुनाव, सुरक्षा पर सवाल
  • पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने आंतरिक मंत्रालय को लिखा पत्र, मांगा जवाब

Pakistan General Election 2024: कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान में अगले साल यानी 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव (Pakistan General Election 2024) होने हैं. ऐसे में पाकिस्तान के शीर्ष चुनाव निकाय ने सरकार से आम चुनाव के दिन शांति बनाए रखने के लिए सेना की टुकड़ियों को तैनात करने को कहा है. ईसीपी की ओर से आंतरिक मंत्रालय को लिखे गए एक पत्र के अनुसार प्रांतीय पुलिस बल मतदान के दौरान सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है.

इतने की जरूरत, इतने की है कमी

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा है कि आगामी आम चुनाव के लिए कम से कम 5,91,106 सुरक्षा कर्मियों की जरूरत है, जबति प्रांतों और महासंघ में 2,77,558 पुलिस कर्मियों की कमी है. मांग की गई है कि मतदान के दिन पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाए. पत्र में देश की खराब कानून-व्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा है कि एक स्थिर और क्यूआरटी के रूप में सेना व सशस्त्र बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाए.

आयोग ने मंत्रालय से 7 दिसंबर तक मांगा जवाब

साथ ही पत्र में लिखा गया है कि मंत्रालय 7 दिसंबर से पहले आयोग को इसके बारे में सूचित करे. बता दें कि पाकिस्तान में चुनाव के दौरान सेना तैनाती की मांग नई नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान में चुनावों के लिए पारंपरिक रूप से नियमित सैनिक उपलब्ध कराए जाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने कहा, सरकार 8 फरवरी के आम चुनाव से पहले ईसीपी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करेगी.

देश के साथ चुनाव आयोग भी झेल रहा कंगाली

सोलांगी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि ईसीपी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में कोई संकट नहीं है. उन्होंने कहा कि ईसीपी को जितनी भी राशि की जरूरत होगी, उसे उथना जारी किया जाएगा. सोलांगी का बयान उन मीडिया रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें कहा गया था कि ईसीपी ने चुनाव के लिए आवंटित धन उपलब्ध कराने में मंत्रालय की विफलता के लिए सोमवार को वित्त सचिव को तलब किया था.