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'या तो अमेरिका में बनाओ या भारी कीमत चुकाओ', डोनाल्ड ट्रंप की धमकी से कांप उठे दुनियाभर के बिजनेसमैन

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक नेताओं को चेतावनी दी है कि यदि वे अपने उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते तो उन्हें भारी आयात शुल्क (टैरिफ) का सामना करना पड़ सकता है. ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि कंपनियां अमेरिका में उत्पादन करती हैं, तो उन्हें कॉरपोरेट टैक्स में 15 प्रतिशत की कमी का लाभ भी मिलेगा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Either make in America or pay a heavy price Donald Trump in World Economic Forum

 World Economic Forum: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक नेताओं को चेतावनी दी है कि यदि वे अपने उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते तो उन्हें भारी आयात शुल्क (टैरिफ) का सामना करना पड़ सकता है. ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि कंपनियां अमेरिका में उत्पादन करती हैं, तो उन्हें कॉरपोरेट टैक्स में 15 प्रतिशत की कमी का लाभ भी मिलेगा.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में विशेष संबोधन
डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की एक विशेष बैठक में दिया. उन्होंने कहा, "अपने उत्पाद अमेरिका में बनाएं और हम आपको दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे कम टैक्स देंगे." यह बयान उन्होंने गुरुवार को, जनवरी 23 को, स्विट्जरलैंड के डेवोस में हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए दिया. उन्होंने आगे कहा, "लेकिन अगर आप अपने उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते, जो आपका विशेषाधिकार है, तो बहुत सरलता से आपको टैरिफ चुकाना होगा."

टैरिफ का इतिहास
टैरिफ की धमकी देना डोनाल्ड ट्रंप का नया कदम नहीं है. अपने पहले कार्यकाल से पहले से ही, ट्रंप ने यह स्पष्ट किया था कि यदि कनाडा और मैक्सिको अवैध प्रवासियों के प्रवाह को नियंत्रित नहीं करते हैं, तो वाशिंगटन फरवरी 1 से ही इन देशों पर भारी टैरिफ लगा सकता है.

रूस के खिलाफ कदम
बुधवार, जनवरी 22 को, ट्रंप ने रूस पर भी टैरिफ की धमकी दी, यदि मॉस्को यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को लेकर कोई समझौता नहीं करता. ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, ट्रंप ने लिखा, "यदि हम जल्दी कोई 'सौदा' नहीं करते, तो मेरे पास कोई और विकल्प नहीं बचता बल्कि रूस से अमेरिका को बेची जा रही हर चीज पर भारी टैक्स, टैरिफ और प्रतिबंध लगाने के अलावा."

रूस के प्रति रुख
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा रूस को नुकसान पहुँचाना नहीं है बल्कि रूस की मदद करना है, जिसकी अर्थव्यवस्था, उनके अनुसार, विफल हो रही है. ट्रंप की ये धमकियां अमेरिका के व्यापारिक नीतियों को लेकर उनके कड़े रुख को दर्शाती हैं और विश्व स्तर पर व्यापार के प्रति उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट करती हैं.