नए साल पर 3 देशों में महसूस किए गए भूकंप के झटके, पहले दिन भारत की धरती भी डोली
नए साल पर तीन देशों को भूकंप के झटके मिले है. एक तरफ लोग जश्न में सराबोर थे तो वहीं दूसरी ओर भूकंप की वजह से खौफ में आ गए हैं. जान लें कि भारत के साथ ऐसे तीन देश हैं जहां भूकंप से धरती डोल गई है.
नए साल की धमाकेदार और डरावनी शुरुआत हो गई है. कई लोगों के लिए साल 2024 का अंत और साल 2025 की शुरुआत दर्दनाक रहा. जश्न में खलल डालने के लिए भूकंप ने भी कोई कसर नहीं छोड़ा है. नए साल पर दुनिया के तीन देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
हाल ही में साउथ कोरिया ने प्लेन क्रैश में अपने कई लोगों को एक झटके में खो दिया है. अभी मृतकों के नामों की गिनती खत्म भी नहीं हुई थी कि पृथ्वी अपना दूसरा रुप दिखा रही है. भारत के साथ कई ऐसे देश हैं जहां भूकंप से धरती कांप उठी है.
साउथ सैंडविच आइलैंड में भूकंप के झटके
खबर एजेंसी ANI के अनुसार नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने बताया कि बुधवार को साउथ सैंडविच आइलैंड में रिक्टर स्केल पर 6.0 तीव्रता का भूकंप आया. एनसीएस ने बताया कि भूकंप भारतीय मानक समय (आईएसटी) के अनुसार शाम 7:18 बजे आया. भूकंप 56.29° दक्षिण अक्षांश और 26.75° पश्चिम देशांतर पर 95 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया.
एएनआई के अनुसार नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, '01/01/2025 को 19:18:28 IST पर 6.0 तीव्रता का भूकंप, अक्षांश: 56.29° S, देशांतर: 26.75° W, गहराई: 95 किमी, स्थान: दक्षिण सैंडविच द्वीप क्षेत्र.'
गुजरात के कच्छ में भूकंप से डोल गई धरती
भूकंप अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने बताया कि बुधवार सुबह गुजरात के कच्छ जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया.
गांधीनगर स्थित आईएसआर के अनुसार, भूकंप सुबह 10.24 बजे दर्ज किया गया, जिसका केंद्र भचाऊ से 23 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व में स्थित था.
पिछले महीने, इस क्षेत्र में 3 से अधिक तीव्रता की चार भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की गईं, जिनमें तीन दिन पहले आया 3.2 तीव्रता का भूकंप भी शामिल है, जिसका केंद्र भी भचाऊ के निकट था.
वानुअतु को भी नए साल पर झटका
भारत ने गुरुवार को कहा कि वह प्रशांत द्वीपीय देश वानुअतु को पिछले माह आए 7.3 तीव्रता के भूकंप के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए 500,000 डॉलर की सहायता देगा. इस भूकंप में 14 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह राहत सहायता भारत द्वारा भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के तहत एक करीबी मित्र और साझेदार के रूप में और वानुअतु के मैत्रीपूर्ण लोगों के साथ एकजुटता के संकेत के रूप में प्रदान की जा रही है.
Also Read
- ताउम्र देश सेवा करने वालों को अब नहीं मिलेगी पेंशन! कंगाली से उबरने के लिए पाकिस्तान का बड़ा फैसला
- डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले ही चीन को तगड़ा झटका देने जा रहा अमेरिका! ड्रैगन को होगा अरबों का नुकसान
- 'बंगबंधु' शेख मुजीबुर ने नहीं बल्कि जियाउर ने की थी आजादी की घोषणा, बांग्लादेश की किताबों में बदला गया इतिहास