शुक्रवार को म्यांमार के मध्य क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने राजधानी नेप्यिदॉ में सड़कों को झुका दिया और चीन, थाईलैंड व भारत के कुछ हिस्सों तक झटके पहुंचाए. म्यांमार के सैन्य शासक प्रमुख के अनुसार, इस विनाशकारी भूकंप में कम से कम 144 लोगों की मौत हुई और 700 से अधिक घायल हो गए. वहीं, सीमा पार थाईलैंड में एक निर्माणाधीन गगनचुंबी इमारत ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 81 लोग लापता हैं और मलबे में फंसे होने की आशंका है.
भूकंप का केंद्र और प्रभाव
पड़ोसी देशों में असर
थाईलैंड के बैंकॉक में मेट्रो और लाइट रेल सेवाएं निलंबित कर दी गईं. वियतनाम में भी झटके महसूस हुए. चीन के युन्नान प्रांत में बीजिंग की भूकंप एजेंसी ने इसे 7.9 तीव्रता का बताया. भारत में पश्चिम बंगाल के कोलकाता और मणिपुर के इंफाल में हल्के झटके महसूस किए गए. पीटीआई के हवाले से आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कोलकाता में संपत्ति या जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
म्यांमार में भूकंप का इतिहास
म्यांमार में भूकंप आम हैं. यूएसजीएस के अनुसार, 1930 से 1956 के बीच सागाइंग फॉल्ट के पास 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के छह बड़े भूकंप आए थे, जो देश के मध्य से उत्तर-दक्षिण तक फैला है.