नई दिल्लीः चीन ने एलएसी पर अपने सैन्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को लगातार बढ़ा रहा है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की रिपोर्ट ने इस बात की जानकारी दी है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन सीमा पर लगातार सड़कें, एयरफील्ड, हेलीपैड, स्टोरेज फैसिलिटीज बढ़ा रहा है. पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की भी ताकीद की है कि उसने एक साल के भीतर अपने न्यूक्लियर वॉरहेड की संख्या में भी बढ़ोत्तरी की है.
पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन का लक्ष्य 2030 तक 1000 से ज्यादा परमाणु हथियार बनाने का है. इस रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि लगभग 3500 किमी लंबी एलएसी पर चीनी वेस्टर्न कमांड की तैनाती 2023 तक जारी रहेगी.
पेंटागन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का लक्ष्य 2049 तक दुनिया की सबसे आधुनिक और शक्तिशाली सेना का निर्माण करना है. चीन के पास पहले से ही दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. इस नौसेना में 370 वॉरशिप और पनडुब्बियां शामिल हैं. इसके अलावा चीन के पास 140 सर्फेस कॉम्बैटेंट्स भी हैं. यह नेवल वॉरशिप की तरही ही होते हैं. इनमें हथियार और सैनिकों की तैनाती होती है.
इससे पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन की सेना लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश के पास LAC तक गांव बसाने के नाम पर सैन्य अड्डों का निर्माण कर रही है. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि इन गांवों का निर्माण इस तरह से हो रहा है कि उनका इस्तेमाल सैन्य बेस के रूप में किया जा सके.
गांवों में बनाए वॉच टॉवर, वेयर हाउस, के ढांते इस ओर इशारा करते हैं. LAC से जुड़ी सुरक्षा एजेंसियों ने केंद्र सरकार को इस संबंध में जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, चीन ने 3488 किमी लंबी एलएसी के पास शियाओकांग नाम से 628 गांव बसा लिए हैं. ज्यादातर यह गांव उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश बॉर्डर से लगे हैं.
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