Myanmar News: बौद्ध बहुल देश म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को लंबे समय से सताया जा रहा है. सोमवार को हुए ड्रोन हमले में दर्जनों लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल थे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जीवित बचे लोग मृत और घायल रिश्तेदारों की पहचान करने के लिए शवों के ढेर के बीच भटक रहे थे.
प्रत्यक्षदर्शियों ने सोमवार को हुए ड्रोन हमले के बारे में बताया कि मारे गए लोग बांग्लादेश सीमा पार करने का इंतजार कर रहे थे. यह हाल के हफ्तों में सैनिक टुकड़ियों और विद्रोहियों के बीच चल रही लड़ाई के दौरान रखाइन राज्य में नागरिकों पर हुआ सबसे घातक हमला था.
प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इस हमले के लिए अराकान आर्मी जिम्मेदार है. हालांकि समूह ने इस हमले से इंकार किया है. अराकान मिलिशिया समूह और म्यांमार की सेना ने एक-दूसरे पर हमले के आरोप लगाए हैं. हालांकि इस हमले में कुल कितने लोग मारे गए उनकी संख्या स्पष्ट नहीं की जा सकी है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में कीचड़ भरे मैदान में शवों के ढेर दिखाई दे रहे थे, उनके सूटकेस और बैग उनके इर्द-गिर्द बिखरे पड़े थे. तीन जीवित बचे लोगों ने बताया कि 200 से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जबकि घटना के बाद के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने कम से कम 70 शव देखे थे. रॉयटर्स ने वीडियो के स्थान की पुष्टि की है, जो म्यांमार के तटीय शहर माउंगडॉ के ठीक बाहर है. हालांकि वीडियो कब का है यह अभी पता नहीं चल पाया है.
सहायता संगठन मेडिसिन्स सैन्स फ्रंटियर्स ने एक बयान में कहा कि उन्होंने शनिवार को म्यांमार से बांग्लादेश में प्रवेश करने वाले 39 लोगों का इलाज किया है. यह लोग हिंसा में शामिल हैं. उनके शरीर पर चोटों के निशान हैं. मरीजों ने बताया कि नदी पार करने के लिए नाव खोजने की कोशिश करते समय उन लोगों पर बमबारी की गई.
बौद्ध बहुल म्यांमार लंबे समय से घरेलू हिंसा का सामना कर रहा है. साल 2017 में सैन्य नेतृत्व वाली कार्रवाई के बाद उनमें से 730,000 से ज़्यादा लोग देश छोड़कर भाग गए थे. संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि यह कार्रवाई नरसंहार के इरादे से की गई थी. साल 2021 में सेना द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार से सत्ता छीन लेने के बाद से म्यांमार में उथल-पुथल मची हुई है और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन व्यापक सशस्त्र संघर्ष में बदल गए हैं. रोहिंग्या मुसलमान कई हफ्ते से रखाइन छोड़ रहे हैं क्योंकि अराकान आर्मी जो कई सशस्त्र समूहों में से एक है ने उत्तरी क्षेत्र में व्यापक सफलता हासिल कर ली है. यहां मुसलमानों की एक बड़ी आबादी रहती है.