White House Secretary Karoline Leavitt on Tariff Imposed by India: 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही टैरिफ वाला ट्रंप कार्ड चल दिया है. इस कार्ड ने इंटरनेशनल स्तर पर खलबली मचा रखी है. इसमें भारत भी शामिल है. अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों में एक नया मोड़ आ सकता है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने हाल ही में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भारत द्वारा अमेरिकी शराब और कृषि उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ्स पर चिंता जताई. इसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार नीति पर असर पड़ेगा और क्या टैरिफ्स की लहर आगे बढ़ेगी.
कैरोलिन लेविट ने कहा कि भारत ने अमेरिकी शराब पर 150% टैरिफ लगा रखा है और कृषि उत्पादों पर भी 100% टैरिफ लागू किया है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत के इस कदम से अमेरिकी शराब, खासकर केंटकी बोरबोन, के निर्यात में काफी मुश्किलें आ रही हैं. उनके अनुसार, इस तरह के टैरिफ्स से अमेरिकी उत्पादकों को भारी नुकसान हो सकता है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप व्यापार में "रिसीप्रोसीटी" यानी पारस्परिकता के पक्षधर हैं. उनका मानना है कि अमेरिका को अपने व्यापारिक रिश्तों में न्यायसंगत और संतुलित व्यवहार करना चाहिए. उनका यह बयान भारत के टैरिफ्स के संदर्भ में आया था, जहां उन्होंने यह बताया कि अन्य देशों जैसे जापान और कनाडा ने भी अमेरिका के उत्पादों पर उच्च टैरिफ्स लगाए हैं. लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप सिर्फ यही चाहते हैं कि अमेरिका के व्यापारिक हितों की रक्षा की जाए और उसे उचित मान्यता मिले.
कैरोलिन लेविट ने कनाडा पर भी आरोप लगाया कि वह कई दशकों से अमेरिका और उसके नागरिकों को अत्यधिक टैरिफ्स के जरिए नुकसान पहुँचा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि कनाडा में अमेरिकी चीज़ों, जैसे कि अमेरिकी चीज़ और मक्खन, पर 300 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया गया है. इसके साथ ही उन्होंने जापान को भी निशाने पर लिया, जहां चावल पर 700 प्रतिशत तक टैरिफ लागू किया गया है. इन सभी देशों के व्यापारिक नीतियों का जिक्र करते हुए, लेविट ने कहा कि ट्रंप सरकार अमेरिकी व्यापारियों और कर्मचारियों के पक्ष में खड़ी है.