Trump Trade Policy: अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने दावा किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त व्यापार नीतियों के सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं. ग्रीर ने कहा कि भारत उन 50 देशों में शामिल है, जिन्होंने टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने की इच्छा जाहिर की है.
भारत का टैरिफ औसतन 39%, अमेरिका का सिर्फ 5%
सीनेट की वित्त समिति के सामने पेश होते हुए ग्रीर ने कहा, ''कृषि वस्तुओं पर हमारा औसत टैरिफ 5 प्रतिशत है, लेकिन भारत का औसत टैरिफ 39 प्रतिशत है. आप यहां की प्रवृत्ति को समझ सकते हैं.'' उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने व्यापार घाटे और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट की वजह इन गैर-पारस्परिक स्थितियों में ही दिखती है. राष्ट्रपति ट्रंप इस असंतुलन को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं.
भारत, वियतनाम और अर्जेंटीना जैसे देश बातचीत के लिए आगे आए
ग्रीर के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार नीतियों की वजह से दुनिया भर के लगभग 50 देशों ने अमेरिका से संपर्क किया है. उन्होंने कहा, ''कंपनियों ने अमेरिका में 4 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है... अर्जेंटीना, वियतनाम, भारत और इजराइल जैसे देशों ने सुझाव दिया है कि वे राष्ट्रपति की नीति के अनुरूप अपने टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करेंगे.''
फैक्ट्रियों की बंदी बनी चिंता का विषय
ग्रीर ने बताया कि अमेरिका ने 1994 से अब तक लगभग 5 मिलियन मैन्युफैक्चरिंग नौकरियां और 90,000 से अधिक फैक्ट्रियां गंवा दी हैं. इसके लिए उन्होंने विदेशी देशों द्वारा अपनाई गई आर्थिक नीतियों, एकतरफा टैरिफ और व्यापार अवरोधों को ज़िम्मेदार ठहराया.
WATCH: US Trade Representative Jamieson Greer delivers testimony at the Senate Finance Committee’s hearing on President Trump’s 2025 Trade Policy Agenda pic.twitter.com/zCY6Ty7bEW
— Trump War Room (@TrumpWarRoom) April 8, 2025
'राष्ट्रीय सुरक्षा' का हवाला देकर बचाव
वहीं ग्रीर ने राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार नीति को 'राष्ट्रीय सुरक्षा आपातकाल' से जोड़ा और कहा कि अमेरिकी श्रमिकों को इन असमान नियमों से भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, ''यह संयोग नहीं है कि व्यापार घाटा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट एकसाथ हुई. यह सब एकतरफा नियमों और असमान आर्थिक व्यवहारों का नतीजा है.''
50 देशों ने दिखाया टैरिफ कम करने का संकेत
जेमिसन ग्रीर के अनुसार, ट्रंप के व्यापक व्यापार सुधार जैसे स्टील, एल्युमीनियम, ऑटो और अन्य क्षेत्रों में लगाए गए सख्त शुल्कों के बाद, कई देशों ने बातचीत शुरू की है. उन्होंने आगे दोहराया, ''इनमें से कई ने सुझाव दिया है कि वे राष्ट्रपति की नीति के अनुरूप अपने टैरिफ कम करेंगे.''