USA Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को अपने देश के लिए 'लिबरेशन डे' घोषित किया है. इसी दिन वे जवाबी टैरिफ लागू करेंगे, जिसके कारण पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था डगमगा सकती है. अमेरिका के इस कदम से भारत, यूरोप, कनाडा समेत कई बड़े देशों पर असर पड़ सकता है.
कब और कैसे होगी टैरिफ घोषणा?
बता दें कि ट्रंप व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से भारतीय समयानुसार गुरुवार देर रात 1:30 बजे जवाबी टैरिफ की घोषणा करेंगे. ट्रंप का दावा है कि यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था को 'स्वर्ण युग' में पहुंचाएगा और विदेशी कंपनियों को अमेरिकी बाजार का शोषण करने से रोकेगा.
भारत पर असर - छूट मिलेगी या नया संकट?
वहीं ट्रंप ने दावा किया कि भारत अपने टैरिफ में भारी कटौती करने जा रहा है, जिससे उसे अमेरिकी जवाबी टैरिफ से राहत मिल सकती है. पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की शर्तों पर सहमति बनी है. भारत अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है, ऐसे में इस कदम से आर्थिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं.
यूरोप और ब्रिटेन की चिंता क्यों बढ़ी?
बताते चले कि यूरोप पहले से ही कारों पर बढ़े हुए अमेरिकी टैरिफ का सामना कर रहा है. यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन इस नए टैरिफ से अपने उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं. यूरोप में वैट (VAT) और अन्य शुल्कों के मुकाबले अमेरिकी टैरिफ एक 'डी फैक्टो टैक्स' जैसा हो सकता है.
दुनिया का क्या होगा रुख?
कनाडा, यूरोपीय यूनियन और अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ट्रंप की इस नीति के खिलाफ जवाबी कदम उठाने की तैयारी में हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा है कि वे अपने हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएंगे.
वैश्विक बाजारों पर असर
इस घोषणा से पहले ही शेयर बाजारों में उथल-पुथल दिख रही है. एशियाई और यूरोपीय बाजार में भी जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है, जबकि अमेरिकी स्टॉक मार्केट मिश्रित प्रतिक्रिया के साथ बंद हुआ. यूरोपीय यूनियन इस स्थिति को 'सुरक्षित निवेश का अवसर' बताकर निवेशकों को आकर्षित कर सकता है.