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Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपित के रूप में फिर से ली शपथ, समारोह में शामिल हुए दिग्गज देश के लीडर

Donald Trump Oath Takes Oath as the 47th President of the United States: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ली. उनके शपथ समारोह में विभिन्न देशों के नेता शामिल हुए.

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Donald Trump Oath Takes Oath as the 47th President of the United States: डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में ली.  उनका शपथ ग्रहण समारोह यूएस कैपिटल बिल्डिंग के रोटुंडा के अंदर हुआ. इस कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय प्रतिनिधि शामिल रहे. अन्य वैश्विक अतिथियों में चीनी उपराष्ट्रपति, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री भी शामिल हुए. इसके अलावा, अमेरिका के सभी जीवित पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे.

राष्ट्रपति पद की शपथ लेते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूँ कि मैं डोनाल्ड ट्रंप संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद का ईमानदारी से पालन करूँगा, और अपनी पूरी क्षमता से संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करूँगा."

तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा कैपिटल

ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद कैपिटल वन एरिना के अंदर उनके समर्थक, लगभग सभी खड़े होकर, जोर-जोर से चिल्लाने लगे और तालियाँ बजाने लगे, कई लोगों ने अपनी MAGA टोपियाँ हवा में लहराईं, कुछ स्पष्ट रूप से भावुक थे. “USA” के नारे पूरे एरिना में गूंजने लगे.

शपथ लेन के बाद क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप

राष्ट्रपति बनने के बाद डोनल्ड ट्रंप ने कहा, "अमेरिका का स्वर्ण युग अभी शुरू हो रहा है. आज से हमारा देश फिर से समृद्ध होगा और पूरी दुनिया में इसका सम्मान किया जाएगा. हम हर देश की ईर्ष्या का विषय बनेंगे और हम खुद को अब और फ़ायदा उठाने नहीं देंगे."

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "देश में बदलाव की लहर चल रही है. पूरी दुनिया में सूरज की रोशनी फैल रही है और अमेरिका के पास इस अवसर का लाभ उठाने का मौका है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ. लेकिन सबसे पहले, हमें अपने सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में ईमानदार होना चाहिए. हालांकि वे बहुत हैं, लेकिन वे इस महान गति से नष्ट हो जाएंगे जिसे दुनिया अब संयुक्त राज्य अमेरिका में देख रही है."

उन्होंने कहा, "आज जब हम यहां एकत्र हुए हैं तो हमारी सरकार विश्वास के संकट से जूझ रही है. कई वर्षों से एक कट्टरपंथी और भ्रष्ट प्रतिष्ठान ने हमारे नागरिकों से सत्ता और धन हड़पा है."