US Deportation Row: अमेरिका से और 600 भारतीय प्रवासियों को वापस भेजा जा रहा है. इनमें से 104 भारतीयों को पहले ही एक C-17 मिलिट्री विमान से अमृतसर भेज दिया गया है, जबकि बाकी लोगों को जल्द ही वापस लाया जाएगा. लेकिन इस दौरान महिलाओं और पुरुषों को जंजीरों और हथकड़ियों में जकड़कर भेजने की तस्वीरें सामने आईं, जिससे देशभर में आक्रोश फैल गया.
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने कुछ समय पहले ही भारत को बताया था कि 487 भारतीय नागरिकों को अंतिम निर्वासन आदेश (Final Removal Order) जारी किया गया है. इसके अलावा, पिछले महीने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर छापेमारी के दौरान 203 और भारतीयों को पकड़ा गया.
इनमें से 104 लोगों को बुधवार को C-17 सैन्य विमान से अमृतसर भेज दिया गया,जबकि बाकी 99 लोगों में से 96 की भारतीय नागरिकता की पुष्टि हो गई है और उन्हें जल्द ही वापस भेजा जाएगा. कुल मिलाकर, 586 भारतीयों को देश वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है.
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत ने अमेरिका के सामने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है. उन्होंने कहा, 'हम अमेरिका के साथ लगातार इस विषय पर बातचीत कर रहे हैं और हमने उन्हें साफ कर दिया है कि निर्वासित भारतीय नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए.'
भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, अमेरिका के आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) विभाग ने दावा किया है कि निर्वासित महिलाओं और बच्चों को बेड़ियों में नहीं बांधा जाता. लेकिन कई महिलाओं ने खुद मीडिया को बताया कि उन्हें 40 घंटे की लंबी उड़ान के दौरान जंजीरों में रखा गया और बाथरूम इस्तेमाल करने में भी परेशानी हुई.
इस मामले को लेकर लोकसभा में हंगामा हुआ. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा और इसे भारतीय नागरिकों के साथ अमानवीय व्यवहार बताया.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अवैध प्रवास को बढ़ावा देने वाले गिरोह असली अपराधी हैं. ये गिरोह भोले-भाले लोगों को गुमराह कर लाखों रुपये ऐंठते हैं और उन्हें अवैध तरीके से अमेरिका भेजते हैं. उन्होंने कहा, 'हमें इस पूरे नेटवर्क को तोड़ना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.'
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अमेरिका में अभी भी कई भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और अगले कुछ महीनों में और भी डिपोर्टेशन फ्लाइट्स हो सकती हैं. हालांकि, भारत तभी किसी को स्वीकार करेगा जब उनकी भारतीय नागरिकता की पुष्टि हो जाएगी.