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India Daily

'भारत का पर्दाफाश हो चुका है', ट्रैरिफ को लेकर ट्रंप ने उगला जहर

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत अब अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क कम करने के इच्छुक हैं, क्योंकि अब उनकी नीतियों का पर्दाफाश हो चुका है. राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन और यूरोपीय संघ पर भी उच्च शुल्क लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए "भयानक दुर्व्यवहार" किया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Donald Trump made huge accusations on India regarding tariff

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को भारत पर बड़े पैमाने पर आरोप लगाए और कहा कि "हमारा देश अब तक सभी देशों द्वारा ठगा गया है, और यह अब रुकने वाला है." व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "मैंने अपने पहले कार्यकाल में इसे रोक दिया था और अब हम इसे सच में रोकने जा रहे हैं, क्योंकि यह बहुत ही अन्यायपूर्ण था. हमारे देश को आर्थिक, वित्तीय और व्यापारिक दृष्टिकोण से दुनिया के लगभग हर देश ने ठगा है... भारत हमें भारी शुल्क वसूलता है. भारी. आप भारत में कुछ भी बेच नहीं सकते. वे अब इसे स्वीकार कर चुके हैं; अब वे अपनी शुल्क दरों को काफी घटाना चाहते हैं क्योंकि कोई अंततः उन्हें बेनकाब कर रहा है."

भारत का पर्दाफाश हो चुका है

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत अब अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क कम करने के इच्छुक हैं, क्योंकि अब उनकी नीतियों का पर्दाफाश हो चुका है. राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन और यूरोपीय संघ पर भी उच्च शुल्क लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए "भयानक दुर्व्यवहार" किया है.

उन्होंने कहा, "मेरे समर्थक मेरे शुल्कों के फैसले का समर्थन करते हैं. हमेशा कुछ संशोधन होंगे. मेरे समर्थकों का मानना है कि मैं शुल्कों के मामले में बिल्कुल सही हूं, और वे कहते हैं कि मुझे ऐसा करने का साहस है."

यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर शुल्क बढ़ाए हैं. इसके साथ ही, उन्होंने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका रूस के खिलाफ बैंकिंग प्रतिबंधों और शुल्कों को लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है, जब तक कि यूक्रेन के साथ युद्धविराम और शांति समझौता नहीं हो जाता.

ट्रंप का यह बयान अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति और विशेष रूप से अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों पर एक नया विवाद खड़ा कर सकता है. उनके आरोपों से यह स्पष्ट है कि वे भारत की व्यापारिक नीतियों को लेकर असंतुष्ट हैं और वे अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के पक्ष में हैं.