US Birthright Citizenship: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ी कानूनी हार का सामना करना पड़ा है, जब एक अदालत ने उनके बर्थराइट सिटिजनशिप (जन्म के आधार पर नागरिकता) समाप्त करने के आदेश पर रोक लगा दी. ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें बर्थराइट सिटिजनशिप को खत्म करने की बात कही गई थी.
इस आदेश के तहत उन लोगों की अमेरिकी नागरिकता छिनने का खतरा था, जिनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक नहीं थे, लेकिन जिनका जन्म अमेरिका में हुआ था. हालांकि, अदालत ने ट्रंप के आदेश को संविधान के 14वें संशोधन के खिलाफ मानते हुए उसे असंवैधानिक करार दिया और इस पर अस्थायी रोक लगा दी.
4 राज्य ट्रंप के खिलाफ गए थे कोर्ट
डेमोक्रेटिक शासित चार राज्यों – वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन ने ट्रंप के आदेश को चुनौती देते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इन राज्यों और सिविल राइट्स समूहों ने कहा कि ट्रंप का आदेश संविधान के 14वें संशोधन के नागरिकता खंड का उल्लंघन करता है, जिसमें यह प्रावधान है कि अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चे को स्वचालित रूप से नागरिकता मिलती है. इन समूहों ने यह भी तर्क दिया कि यह आदेश न केवल संविधान के खिलाफ है, बल्कि यह अमेरिकी मूल्यों और समानता के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है.
ट्रंप ने 20 फरवरी दी थी तारीख
अमेरिकी अदालत का यह फैसला ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका है. 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद, ट्रंप ने इस आदेश को लागू करने के लिए 20 फरवरी तक का समय तय किया था. उनका उद्देश्य उन बच्चों की नागरिकता रद्द करना था, जिनके माता-पिता अमेरिका के नागरिक नहीं थे. अदालत ने इस आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि यह आदेश अमेरिकी संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है.
इस आदेश को असंवैधानिक मानते हुए कोर्ट ने ट्रंप को इस पर आगे बढ़ने से रोक दिया, जिससे इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई तेज हो गई है. यह निर्णय उन लाखों लोगों के लिए राहत का कारण बना है, जो बर्थराइट सिटिजनशिप के तहत अमेरिका में पैदा हुए हैं.