menu-icon
India Daily

'चाइनीज लोगों से दिल न लगाएं, यौन संबंध से रहें दूर', ट्रंप प्रशासन ने चीन में मौजूद कर्मचारियों को दी चेतावनी

यह प्रतिबंध मुख्य भूमि चीन में अमेरिकी मिशनों को कवर करता है, जिसमें बीजिंग स्थित दूतावास और गुआंगज़ौ, शंघाई, शेनयांग, वुहान और हांगकांग स्थित वाणिज्य दूतावास शामिल हैं. यह अमेरिकी कर्मियों और चीनी नागरिकों के बीच किसी भी प्रकार के रोमांटिक या यौन संबंधों पर प्रतिबंध लगाता है.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
China
Courtesy: Social Media

अमेरिकी सरकार ने चीन में सरकारी कर्मियों और चीनी नागरिकों के बीच रोमांटिक और यौन संबंधों पर प्रतिबंध लगा दिया है. एसोसिएटेड प्रेस ने गुरुवार को बताया कि यह निर्देश, जो राजनयिकों, परिवार के सदस्यों और सुरक्षा मंजूरी वाले ठेकेदारों पर लागू होगा.

यह प्रतिबंध मुख्य भूमि चीन में अमेरिकी मिशनों को कवर करता है, जिसमें बीजिंग स्थित दूतावास और गुआंगज़ौ, शंघाई, शेनयांग, वुहान और हांगकांग स्थित वाणिज्य दूतावास शामिल हैं. यह अमेरिकी कर्मियों और चीनी नागरिकों के बीच किसी भी प्रकार के रोमांटिक या यौन संबंधों पर प्रतिबंध लगाता है. यह संवेदनशील जानकारी तक पहुंच रखने वाले परिवार के सदस्यों और ठेकेदारों पर भी लागू होता है.

यह नया निर्देश चीन से बाहर तैनात अमेरिकी कार्मिकों पर लागू नहीं होगा, तथा जिन लोगों के चीनी नागरिकों के साथ पहले से ही संबंध हैं, वे छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं, हालांकि किसी भी इनकार पर उन्हें संबंध समाप्त करने या अपना पद छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. यह नीति, जिसे सार्वजनिक रूप से घोषित नहीं किया गया है, लेकिन जनवरी में अमेरिकी कार्मिकों को आंतरिक रूप से सूचित कर दिया गया था. अमेरिका और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं. 

शीत युद्ध जैसे नियम


नए प्रतिबंध को शीत युद्ध के दौर की याद दिलाते हुए एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जब सोवियत नियंत्रित क्षेत्रों और चीन में अमेरिकी कर्मियों पर इसी तरह के प्रतिबंध लागू किए गए थे. उस समय, अमेरिकी सरकार ने जासूसी और व्यक्तिगत संबंधों के माध्यम से संवेदनशील जानकारी के संभावित जोखिम को रोकने के लिए राजनयिकों पर सख्त नियम लागू किए थे. 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद इस नीति में ढील दी गई थी, लेकिन हालिया कदम से संकेत मिलता है कि वाशिंगटन का मानना ​​है कि हाल के वर्षों में चीनी अधिकारियों द्वारा जासूसी और खुफिया जानकारी जुटाने का खतरा बढ़ गया है.

बढ़ता तनाव, कड़ा नियंत्रण

हाल के वर्षों में व्यापार, प्रौद्योगिकी और भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को लेकर वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव बढ़ गया है. पूर्व सी.आई.ए. विश्लेषक और वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक, द जेम्सटाउन फाउंडेशन के अध्यक्ष पीटर मैटिस ने कहा कि कम से कम दो मामले ऐसे थे, जिनमें चीनी एजेंटों ने चीन में तैनात अमेरिकी राजनयिकों को बहकाया, हालांकि उन्होंने हाल के वर्षों में ऐसे किसी मामले के बारे में नहीं सुना है. मैटिस ने कहा कि एक और मुद्दा यह है कि चीनी राज्य सुरक्षा सिर्फ़ जासूसों के ज़रिए ही खुफिया जानकारी नहीं जुटाती, बल्कि आम चीनी लोगों पर दबाव डालकर भी जानकारी जुटाती है, अक्सर धमकियों या डराने-धमकाने के ज़रिए. मैटिस ने कहा कि इसका मतलब यह है कि कोई भी चीनी नागरिक जो किसी अमेरिकी राजनयिक के साथ डेट करता है, वह दबाव में आ सकता है.