दशकों पहले लंदन में भारतीय मूल की महिलाओं को दी गई थीं रेडियोएक्टिव रोटियां, अब 63 साल बाद जांच की मांग

ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी की सांसद ने 1960 के दशक में हुई एक मेडिकल रिसर्च की मांग की है. इसके मुताबिक भारतीय मूल की 21 महिलाओं को रेडियोएक्टिव रोटियां खिलाई गई थीं.

Shubhank Agnihotri

 

नई दिल्लीः  ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी की सांसद ने 1960 के दशक में हुई एक मेडिकल रिसर्च की मांग की है. इसके मुताबिक भारतीय मूल की 21 महिलाओं को रेडियोएक्टिव रोटियां खिलाई गई थीं. रिपोर्ट के अनुसार, इन रोटियों में आयरन-50 के आइसोटोप्स मिलाए गए थे. ब्रिटेन की सांसद ने अब इसकी जांच को लेकर संसद में मांग उठाने की बात कही है. 


सांसद ताइवो ने जताई चिंता 
रिपोर्ट के अनुसार, इन्हें रोटियां देने का मतलब यह जानना था कि इसमें महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है या नहीं. इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड से सांसद ताइवो ओवाटेमी ने कहा कि वे उन परिवारों को लेकर चिंतित है. जिन पर ये रिसर्च की गई थी.

महिलाओं को नहीं थी जानकारी 
रोटी खिलाए जाने के बाद महिलाओं को ऑक्सफोर्डशायर में एटॉमिक एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट लेकर जाया गया था. यहां उनके रेडिएशन लेवल की जांच की गई कि उनका शरीर कितना आयरन कंज्यूम कि पाया. रिपोर्ट के अनुसार वे महिलाएं प्रवासी के तौर पर ब्रिटेन आई थीं. उन्हें इस रिसर्च के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी. महिलाएं रेडियोएक्टिव आइसोटोप्स के बारे में कुछ नहीं जानती थीं.

संसद सत्र में उठाएंगी मांग 
सासंद ताइवो ने कहा कि वो संसद का सत्र शुरु होते ही वे इस मामले को संसद में उठाएंगी. उन्होंने कहा कि हम जांच की मांग करेंगे कि ऐसा क्यों हुआ. एक अन्य सांसद जारा सुल्ताना ने भी इस मामले में ओवाटेमी का साथ देने की मांग की है.

 

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