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India Daily

म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा हुआ 3,354 के पार

संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार के लिए आपातकालीन सहायता की अपील की है. यह सदी का सबसे घातक भूकंप माना जा रहा है, जिसने देश को गहरे संकट में डाल दिया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Death toll from devastating Myanmar earthquake rises to 3,354

म्यांमार में 28 मार्च को आए दो शक्तिशाली भूकंपों ने भारी तबाही मचाई है. 7.7 और 6.4 तीव्रता के इन भूकंपों के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 3,354 हो गई है. यह जानकारी देश की सैन्य सरकार ने शनिवार देर रात जारी की. भूकंप का केंद्र मांडले और सागाइंग क्षेत्र के पास था, जहां बड़े पैमाने पर इमारतें ढह गईं और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा. राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन दुर्गम इलाकों तक पहुंचने में दिक्कतों के कारण मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.

भूकंप की तीव्रता और प्रभाव

पहला भूकंप 7.7 तीव्रता का था, जो स्थानीय समयानुसार सुबह 11:50 बजे आया. इसके कुछ ही मिनटों बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका महसूस हुआ. इन झटकों ने म्यांमार के मध्य क्षेत्र को हिलाकर रख दिया. मांडले में ऐतिहासिक अवा पुल सहित कई इमारतें और मंदिर नष्ट हो गए. एक अधिकारी ने कहा, "भूकंप के झटके इतने शक्तिशाली थे कि पड़ोसी देशों थाईलैंड और चीन तक महसूस किए गए." इस आपदा ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया और सड़कों पर अस्थायी शिविर बन गए हैं.

राहत कार्यों में चुनौतियां
बचाव दलों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इरावदी नदी पर एक प्रमुख पुल के ढह जाने से कई इलाकों का संपर्क टूट गया है. म्यांमार के सैन्य शासक मिन आंग ह्लाइंग ने कहा, "मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग मलबे में फंसे हो सकते हैं." भारत और चीन सहित कई देशों ने मदद के लिए टीमें भेजी हैं, लेकिन अस्पतालों में जगह की कमी और दवाइयों की किल्लत चुनौती बनी हुई है.

वैश्विक सहायता और भविष्य
संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार के लिए आपातकालीन सहायता की अपील की है. यह सदी का सबसे घातक भूकंप माना जा रहा है, जिसने देश को गहरे संकट में डाल दिया है.