मिस्र की राजधानी काहिरा में गुरुवार से दुनिया के आठ सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देशों की एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है. इस बैठक का आयोजन 'डी-8 संगठन' (D-8 Organization for Economic Cooperation) के समिट के रूप में किया जाएगा, जो इस सप्ताह के अंत में शुरू होगा. जिस तहर से सीरिया में तख्तापलट के बाद इजरायल आक्रामक हुआ है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि इस बैठक में इजरायल के खिलाफ कोई प्रस्ताव लाया जा सकता है.
डी-8 समिट का उद्देश्य
मिस्र की भूमिका और प्राथमिकताएं
मिस्र को डी-8 संगठन की अध्यक्षता मिली है और यह अगले साल तक इस संगठन की अध्यक्षता करेगा. मिस्र के प्रतिनिधि रगुई एल-एत्रेबी ने कहा कि मिस्र डी-8 संगठन को बहुत महत्व देता है, क्योंकि इसके तहत आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के कई अवसर हैं, जो उद्योग, कृषि और सेवाओं में समग्र विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि डी-8 के सदस्य देशों की कुल जनसंख्या एक अरब से अधिक है, और उनका संयुक्त जीडीपी लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर है, जो एक विशाल बाजार का प्रतिनिधित्व करता है.
बैठक का महत्व
यह मीटिंग सदस्य देशों के बीच व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के नए अवसरों को उत्पन्न करने का एक महत्वपूर्ण मंच है. इसके अलावा, बैठक में उन नीतियों पर भी विचार किया जाएगा जो इन देशों के आर्थिक विकास में सहायक हो सकती हैं. खासकर कृषि, उद्योग और सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विचार विमर्श होगा. यह बैठक उन देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, जिनके पास प्राकृतिक संसाधन, उत्पादन क्षमता, और विकास की उच्च संभावनाएँ हैं.
विदेश मंत्रियों की बैठक
डी-8 संगठन के विदेश मंत्री बुधवार को एक बैठक करेंगे, जिसमें वे तैयारियों के परिणामों पर चर्चा करेंगे. इस बैठक में उन रणनीतियों को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिन्हें समिट के दौरान अपनाया जाएगा. यह विदेश मंत्रियों की बैठक डी-8 देशों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी, क्योंकि इससे भविष्य में होने वाली साझेदारियों और सहयोग के रास्ते खुलेंगे.