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India Daily

ट्रंप के आदेश के आगे बेबस अदालत? रोक के बावजूद अमेरिका से निकाले गए प्रवासी

अमेरिकी राष्ट्रपति वर्तमान में किसी की भी बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, जज के निर्देशों के बावजूद, बड़ी संख्या में प्रवासियों को अमेरिका से निष्कासित कर दिया गया है, जबकि जज बोसबर्ग ने विमानों को वापस बुलाने का आदेश दिया था.

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Edited By: Ritu Sharma
Donald Trump
Courtesy: Social Media

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाते हुए जज के आदेश को दरकिनार कर सैकड़ों प्रवासियों को अमेरिका से बाहर भेज दिया. बताया जा रहा है कि यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स ई. बोसबर्ग द्वारा निर्वासन पर रोक लगाने का आदेश दिए जाने के बावजूद प्रवासियों को अल साल्वाडोर और होंडुरास भेजने वाले विमान उड़ान भर चुके थे.

बता दें कि हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने निर्वासन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए 18वीं सदी के एलियन एनीमीज एक्ट का उपयोग करने की घोषणा की थी. इस ऐलान के तुरंत बाद जज जेम्स ई. बोसबर्ग ने निर्वासन रोकने का आदेश दिया, लेकिन तब तक दो विमान अमेरिका से रवाना हो चुके थे. जज ने मौखिक रूप से विमानों को वापस बुलाने का निर्देश दिया, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया. बाद में जारी लिखित आदेश में भी विमानों को वापस लाने का कोई जिक्र नहीं था.

व्हाइट हाउस की सफाई

वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस मामले में प्रशासन का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार ने अदालत के आदेश का उल्लंघन नहीं किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि यह आदेश कानूनी रूप से वैध नहीं था और इसे तब जारी किया गया जब प्रवासियों को पहले ही देश से बाहर भेजा जा चुका था.

एलियन एनीमीज एक्ट का उपयोग

हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने 1798 के 'एलियन एनीमीज एक्ट' को लागू करने की घोषणा की है, जो राष्ट्रपति को युद्ध या राष्ट्रीय संकट के दौरान विदेशी नागरिकों को निर्वासित करने का विशेष अधिकार देता है. अमेरिकी इतिहास में इस अधिनियम का अब तक केवल तीन बार उपयोग हुआ है और वह भी केवल युद्धकाल के दौरान. वहीं, ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया कि वेनेजुएला के कुख्यात गिरोह 'ट्रेन डी अरागुआ' की अमेरिका में घुसपैठ रोकने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी.