अमेरिका की सेकेंड लेडी उषा वैंस की हालिया ग्रीनलैंड यात्रा को लेकर विवाद छिड़ गया है. डेनमार्क के नियंत्रण वाले इस क्षेत्र के लोगों ने उन्हें मिलने से इनकार कर दिया. डेनिश मीडिया के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने विश्व के सबसे बड़े द्वीप के कई हिस्सों में लोगों से पूछा कि क्या वे उषा वैंस की यात्रा चाहते हैं, लेकिन जवाब नकारात्मक रहा.
टुपिलक ट्रैवल ने वापस लिया न्योता
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— 𝐀𝐧𝐧𝐚 𝐊𝐎𝐌𝐒𝐀 | 🇪🇺🇫🇷🇵🇱🇺🇦 (@tweet4Anna_NAFO) March 29, 2025
Vance and his wife spent only 3 hours in Greenland — all this time at an American military base.
They were forced to leave due to protests from local residents and a complete boycott from businesses.
They were simply refused service and were not allowed anywhere. https://t.co/WDnbHCP4ZP pic.twitter.com/w5uINic7uy
जेडी वैंस भी यात्रा में शामिल
यह रद्दीकरण तब हुआ जब उपराष्ट्रपति जेडी वैंस ने X पर एक वीडियो में घोषणा की कि वे अपनी पत्नी के साथ ग्रीनलैंड जाएंगे. उन्होंने कहा, "उषा की ग्रीनलैंड यात्रा को लेकर इतना उत्साह था कि मैंने फैसला किया कि वे अकेले मज़े न करें, इसलिए मैं भी उनके साथ जाऊंगा."
डेनमार्क की आपत्ति: 'अस्वीकार्य दबाव'
उषा वैंस और अमेरिकी अधिकारियों की यात्रा से डेनिश अधिकारी और ग्रीनलैंडर्स नाराज हैं. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने इसे "अस्वीकार्य दबाव" करार दिया. उन्होंने कहा, "आप किसी दूसरे देश के आधिकारिक प्रतिनिधियों के साथ निजी यात्रा नहीं कर सकते, जब ग्रीनलैंड सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अभी यात्रा नहीं चाहते." फ्रेडरिकसन ने इसे ग्रीनलैंड की जरूरतों के खिलाफ बताया. जेडी वैंस ने डेनमार्क के बयान की आलोचना की और रूस व चीन से ग्रीनलैंड को सुरक्षित न रखने का आरोप लगाया.