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India Daily

कांग्रेस की विदेश समिति अमेरिका की भारत नीति की करेगी समीक्षा 

अमेरिकी कांग्रेस की विदेश मामलों संबंधी शक्तिशाली समिति भारत के प्रति अमेरिका की विदेश नीति और द्विपक्षीय सहयोग के लगातार विस्तार की समीक्षा करेगी और इसमें रक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Congress Foreign Affairs Committee

अमेरिकी कांग्रेस की विदेश मामलों संबंधी शक्तिशाली समिति भारत के प्रति अमेरिका की विदेश नीति और द्विपक्षीय सहयोग के लगातार विस्तार की समीक्षा करेगी और इसमें रक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. सदन की विदेश मामलों संबंधी समिति की प्राथमिकताओं की सूची में भारत को 11वें स्थान पर रखा गया है.

कमेटी ने कहा कि वह, ‘भारत के प्रति अमेरिकी नीति और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार की समीक्षा करेगी. साथ ही दक्षिण और मध्य एशिया में अमेरिका के विरोधियों के प्रभाव को रोकने पर ध्यान दिया जाएगा.’

अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों पर ध्यान करेंगे केंद्रित- समिति

समिति ने कहा, ‘‘हम विशेष रुप से अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसमें सुरक्षा और तकनीकी सहयोग, रक्षा क्षमताओं का विस्तार, आतंकवाद-रोधी प्रयास और अन्य रणनीतिक साझेदारियों को बढ़ावा देने के अवसर शामिल होंगे.’’ इसके अलावा, समिति अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों की भी समीक्षा करेगी. इसमें तकनीक, दूरसंचार और फार्मास्यूटिकल उद्योग में द्विपक्षीय सहयोग से जुड़ी चर्चाएं भी शामिल रहेंगी.

समिति भारत की क्वाड में भागीदारी को मजबूत करने के प्रयासों और भारत की तेजी से बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं के प्रभावों की समीक्षा करेगी. समिति की शीर्ष प्राथमिकता चीन से उत्पन्न खतरों की समीक्षा करना है. समिति चीन द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संधियों के उल्लंघन की भी समीक्षा करेगी.

अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन:

इसमें चीन द्वारा उइगर मुस्लिमों के खिलाफ नरसंहार, मानवाधिकारों के उल्लंघन, बुनियादी कानून के तहत हांगकांग के प्रति अपने दायित्वों का उल्लंघन, विश्व व्यापार संगठन की शर्तों का उल्लंघन, साइबर सुरक्षा समझौतों का उल्लंघन, अवैध परमाणु प्रसार और अन्य द्विपक्षीय व अंतरराष्ट्रीय समझौतों के उल्लंघन शामिल हैं.

चीन के बाद, समिति की दूसरी प्रमुख प्राथमिकता हिंद. प्रशांत क्षेत्र में व्यापार समझौतों पर चर्चा और अमेरिकी विदेश विभाग की भागीदारी की समीक्षा करना है. समिति के शीर्ष दस मुद्दों में ताइवान, यूरोप, रूस और यूक्रेन के खिलाफ उसका युद्ध, पश्चिम एशिया औऱ उत्तरी अफ्रीका, इज़राइल, ईरान, अफ्रीका और अफगानिस्तान शामिल हैं.