Palestine Protests: अमेरिका में बचपन से रह रही कोलंबिया विश्वविद्यालय की 21 साल छात्रा युनसेओ चुंग ने ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. उनका आरोप है कि आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) उन्हें वैध स्थायी निवासी होने के बावजूद जबरन निर्वासित करने की कोशिश कर रहा है. चुंग का दावा है कि यह कदम विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक आंदोलन को दबाने के लिए उठाया गया है.
ICE ने किया था घर और हॉस्टल पर छापा
युनसेओ चुंग के वकीलों के मुताबिक, ICE ने उनके पारिवारिक निवास और विश्वविद्यालय के छात्रावास में छापा मारा. उनका कहना है कि यह संवैधानिक रूप से संरक्षित विरोध गतिविधियों को दबाने का प्रयास है. मुकदमे में लिखा गया है, ''सरकार का यह दमन उन विश्वविद्यालय छात्रों पर केंद्रित है, जो फिलिस्तीन के समर्थन में बोलते हैं और गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई की आलोचना करते हैं.''
मुकदमे में क्या मांगा गया?
बता दें कि युनसेओ चुंग ने न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि प्रशासन उन्हें हिरासत में लेने, न्यूयॉर्क से बाहर ले जाने या निर्वासित करने से रोके, जब तक कि इस मामले की पूरी कानूनी सुनवाई नहीं हो जाती.
प्रदर्शन के बाद चुंग पर गिरने लगी गाज
वहीं युनसेओ चुंग दक्षिण कोरिया की स्थायी निवासी हैं. उन्होंने 5 मार्च को फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का विरोध किया था, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद ICE ने उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी.
ट्रम्प ने पहले भी दी थी धमकी
हालांकि, 2023 से ट्रम्प ने कई बार चेतावनी दी थी कि जो अंतरराष्ट्रीय छात्र फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेंगे, उनके वीजा रद्द कर दिए जाएंगे. चुंग का मामला अब इसी संदर्भ में देखा जा रहा है.