फ्रांस की दशकों की गुलामी से आजाद हुआ चाड, बेस छोड़कर भागने लगी फ्रांसीसी सेना, देखें वीडियो
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जब चाड की जनता में फ्रांसीसी सैनिकों के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा था. इसके बाद से ही फ्रांसीसी सैन्य बलों को धीरे-धीरे चाड से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई.
चाड, जो एक समय फ्रांसीसी साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था, ने 2024 के नवम्बर माह में फ्रांस के साथ अपना रक्षा सहयोग समझौता समाप्त कर दिया था. इसके बाद अब फ्रांस की सेना ने इस पश्चिम अफ्रीकी देश से अपने सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. फ्रांस की सेना की वापसी के बाद चाड में अब कोई फ्रांसीसी सैन्य अड्डा नहीं रहेगा. इस कदम के साथ चाड ने अपने सैन्य संबंधों को फ्रांस से समाप्त कर दिया, और यह देश की ओर से एक ऐतिहासिक बदलाव की दिशा में कदम था.
फ्रांसीसी सेना की वापसी का कारण
चाड ने अपनी रक्षा सहयोग संधि को 'पुराना' और 'अप्रासंगिक' करार दिया, और यह साफ कर दिया कि वह अब अपनी भू-राजनीतिक रणनीति को नया रूप देना चाहता है. चाड की सरकार ने यह भी ऐलान किया कि फ्रांस को अब अपनी सैन्य ताकत को देश से बाहर कर देना चाहिए. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जब चाड की जनता में फ्रांसीसी सैनिकों के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा था. इसके बाद से ही फ्रांसीसी सैन्य बलों को धीरे-धीरे चाड से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई.
फ्रांस के खिलाफ अफ्रीका का बढ़ता विरोध
चाड से फ्रांसीसी सेना की वापसी एक बड़े पैमाने पर बदलती अफ्रीकी भू-राजनीति का हिस्सा है. पिछले तीन वर्षों में यह चौथा अफ्रीकी देश है जिसने फ्रांस से अपनी सैन्य सहायता को खत्म करने का निर्णय लिया है. इससे पहले माली, बुरकिना फासो और नाइजर जैसे देशों ने भी फ्रांस के खिलाफ इसी तरह के कदम उठाए थे. इन देशों ने अपने बीच के सैन्य समझौतों को रद्द कर दिया था और फ्रांसीसी सैनिकों को वापस जाने को कहा था. अब चाड ने भी इस कड़ी में अपना नाम जोड़ लिया है.
चाड और फ्रांस के बीच ऐतिहासिक सैन्य संबंधों का अंत
चाड और फ्रांस के बीच दशकों पुराने सैन्य सहयोग को समाप्त करना एक ऐतिहासिक पल है. दोनों देशों के बीच यह सहयोग द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शुरू हुआ था, जब फ्रांसीसी सैनिकों ने चाड में अपने ठिकाने बनाना शुरू किया था. चाड में फ्रांसीसी सेना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखना और आतंकी गतिविधियों को रोकना था, लेकिन अब चाड सरकार का मानना है कि यह संबंध अब अप्रासंगिक हो चुके हैं और इसे समाप्त किया जाना चाहिए.
चाड की भू-राजनीतिक रणनीति में बदलाव
चाड का यह कदम केवल एक सैन्य निर्णय नहीं, बल्कि एक गहरे भू-राजनीतिक बदलाव का संकेत भी है. चाड अब अपनी रक्षा और विदेश नीति को और अधिक स्वायत्त तरीके से तय करना चाहता है. यह देश अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए नए साझेदारों की तलाश कर रहा है. साथ ही, चाड के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि अफ्रीकी देशों के बीच अब पश्चिमी देशों की भूमिका को लेकर एक नया दृष्टिकोण उभर रहा है.