कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोलंबिया अमेरिकी सैन्य विमानों द्वारा भेजे जा रहे निर्वासित प्रवासियों को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने प्रवासियों को अपराधी मानने की मानसिकता की कड़ी आलोचना की. पेट्रो ने यह भी कहा कि उनकी सरकार कोलंबियाई प्रवासियों को उनके देश में स्वागत करने के लिए तैयार है लेकिन यह प्रक्रिया केवल नागरिक विमानों के माध्यम से होनी चाहिए ताकि प्रवासियों के सम्मान और गरिमा को बनाए रखा जा सके.
पेट्रो का प्रवासी नीति पर बयान
JUST IN: Colombian President Petro blocks the entry of American planes transporting migrants back to Colombia. pic.twitter.com/4DxrkV7jFY
— BRICS News (@BRICSinfo) January 26, 2025
लैटिन अमेरिकी देशों का बढ़ता विरोध
कोलंबिया से पहले मैक्सिको ने भी अमेरिकी सैन्य विमानों को अपने यहां उतरने से इनकार कर दिया था. इससे लैटिन अमेरिका के देशों में अमेरिका की प्रवासी नीतियों को लेकर बढ़ती नाराजगी साफ नजर आती है. ब्राजील ने भी हाल ही में इसी तरह की घटना के खिलाफ प्रतिक्रिया दी, जहां एक वाणिज्यिक उड़ान में निर्वासित ब्राजीलियाई नागरिकों को हथकड़ी पहनाई गई.
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने इस मामले को लेकर अपनी नाखुशी जताई और सरकारी बयान में कहा कि यह 'अमानवीय व्यवहार' है. उनके हस्तक्षेप के बाद ब्राजीलियन एयरफोर्स ने इन प्रवासियों के गंतव्य तक पहुंचने के लिए विशेष विमान मुहैया कराया.
अमेरिकी सैन्य विमानों के इस्तेमाल पर सवाल
अमेरिका ने राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए सैन्य विमानों का उपयोग शुरू किया है. इस नीति के तहत, हाल ही में 80 प्रवासियों को सैन्य विमानों द्वारा ग्वाटेमाला ले जाया गया था. हालांकि, कोलंबिया और अन्य देशों का इन उड़ानों को अस्वीकार करना अमेरिकी नीतियों के खिलाफ उभरते विरोध को दर्शाता है.
कोलंबिया का संदेश: गरिमा और सम्मान पहली प्राथमिकता
राष्ट्रपति पेट्रो का यह निर्णय एक स्पष्ट संदेश देता है कि कोलंबिया अपने प्रवासियों के साथ गरिमा और सम्मान के साथ पेश आने के लिए प्रतिबद्ध है. यह कदम न केवल कोलंबियाई प्रवासियों के लिए बल्कि लैटिन अमेरिका में प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करने के व्यापक आंदोलन का हिस्सा बनता जा रहा है.