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India Daily

सूडान में हैजे का कहर: 58 लोगों की मौत, 1,300 बीमार

सूडान के एक शहर में हैजा फैलने से पिछले तीन दिनों में 58 लोगों की मौत हो गई जबकि लगभग 1,300 व्यक्ति बीमार हो गए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सूडान के दक्षिणी शहर कोस्ती में दूषित पेयजल के कारण हैजा फैला है.

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Edited By: Anvi Shukla
sudan cholera
Courtesy: social media

सूडान में हैजे के प्रकोप ने देशभर में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,300 से अधिक लोग इस संक्रामक बीमारी से प्रभावित हुए हैं. इस खतरनाक स्थिति ने सूडान के स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव डाल दिया है, और राहत कार्यों में तेजी से मदद जुटाई जा रही है.

सूडान के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ हफ्तों से हैजे का एपिडेमिक फैलता जा रहा है. इस विशाल एपिडेमिक के कारण हजारों लोग प्रभावित हो चुके हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है. हैजा एक जलजनित बीमारी है, जो दूषित पानी पीने या संक्रमित खाद्य पदार्थों से फैलती है. इसके लक्षणों में दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन शामिल हैं, जो यदि समय पर इलाज न किया जाए तो जानलेवा हो सकते हैं.

स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव:

इस प्रकोप ने सूडान के स्वास्थ्य सेवाओं को अत्यधिक दबाव में डाल दिया है. सूडान में पहले से ही मेडिकल सुविधाओं की कमी और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा था, और अब हैजे के बढ़ते मामलों ने स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया है. राहत एजेंसियां और स्थानीय प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा प्रयासों की आवश्यकता है. 

WHO ने कहा कि वे सूडान में....

सूडान सरकार ने हालात को नियंत्रित करने के लिए आपातकालीन उपायों की घोषणा की है. इसके साथ ही, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों ने सूडान को सहायता देने की पेशकश की है. WHO ने कहा कि वे सूडान में हैजे के मामलों की निगरानी कर रहे हैं और दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने के लिए तुरंत कदम उठा रहे हैं.

स्थानीय नागरिक समाज संगठन और अन्य राहत कार्यकर्ता प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने में जुटे हुए हैं. लोगों को दूषित पानी पीने से बचने और साफ-सफाई रखने की सलाह दी जा रही है. इसके अलावा, संक्रमित क्षेत्रों में फिनाइल और क्लोरीन जैसी चीजों से पानी की सफाई की जा रही है, ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके.