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India Daily

रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे चीनी सैनिक, जेलेंस्की ने पकड़कर कर दिया भंडाफोड़

Russia Ukraine War: फ्रांसीसी समाचार पत्र "ले मोंड" ने पहले यह रिपोर्ट की थी कि चीन के नागरिकों के टिकटॉक पर 40 से अधिक खाते पाए गए हैं, जिनमें उन्होंने रूस की सेना में भर्ती होने का दावा किया था. यह रिपोर्ट इस बात को और भी मजबूत करती है कि चीन के नागरिक रूस के युद्ध प्रयासों में शामिल हो सकते हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Chinese Soldiers battling for China against Ukraine says Volodymyr Zelensky
Courtesy: Social Media

Russia Ukraine War: यूक्रेनी बलों ने रूस की सेना के लिए लड़ रहे दो चीनी नागरिकों को डोनबास क्षेत्र में पकड़ा है. यह जानकारी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने दी. इस घटना ने रूस और चीन के संबंधों को लेकर नई बहस शुरू कर दी है. क्योंकि यह पहली बार है जब चीन पर आरोप लगाया गया है कि वह रूस के युद्ध प्रयासों में सहयोग कर रहा है. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि यह दो चीनी सैनिकों का पकड़ा जाना यूक्रेन के लिए एक अहम घटनाक्रम है. उन्होंने कहा कि यह केवल दो सैनिक नहीं हैं, बल्कि खुफिया जानकारी के अनुसार रूस की सेना में चीनी सैनिकों की संख्या इससे कहीं अधिक है. उनके अनुसार, ये सैनिक डोनबास क्षेत्र में सक्रिय थे और उनके पास पहचान पत्र और बैंक कार्ड जैसे दस्तावेज थे, जिनमें व्यक्तिगत जानकारी भी थी.

चीनी नागरिकों की युद्ध में भागीदारी

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने बताया कि यूक्रेनी बलों ने छह चीनी सैनिकों से मुकाबला किया, और इनमें से दो को गिरफ्तार किया. इन सैनिकों को यूक्रेनी सुरक्षा बलों के अधीन रखा गया है और उनके खिलाफ जांच जारी है. जेलेंस्की ने यह भी कहा कि रूस ने अन्य देशों को भी अपने युद्ध प्रयासों में शामिल किया है, और यह दर्शाता है कि राष्ट्रपति पुतिन का युद्ध खत्म करने का कोई इरादा नहीं है.

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका को इस मामले पर तत्काल प्रतिक्रिया देनी चाहिए, ताकि यह संदेश जाए कि वैश्विक समुदाय शांति चाहता है. चीन को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, ताकि दुनिया को यह समझ में आ सके कि वह रूस के साथ युद्ध में शामिल नहीं है.

चीन पर उठ रहे सवाल

यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबीहा ने चीन के राजदूत को कीव में तलब किया और कहा कि रूस की तरफ से चीनी नागरिकों को युद्ध में शामिल करना चीन की शांति की नीति पर सवाल खड़ा करता है. उन्होंने यह भी कहा कि चीन के लिए यह जरूरी है कि वह रूस के आक्रमण के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट करें. क्योंकि इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसकी विश्वसनीयता पर भी असर पड़ता है.

रूस और उत्तर कोरिया का सहयोग

रूस की युद्ध में एक और अहम सहयोगी उत्तर कोरिया है, जिसने हजारों सैनिकों को यूक्रेन में रूस के पक्ष में भेजने की सूचना दी है. यूक्रेन और पश्चिमी अधिकारियों के अनुसार, उत्तर कोरिया ने रूस को इस युद्ध में मदद भेजी है, जिससे रूस के पास अधिक संख्या में सैनिक हैं. रूस के पास युद्ध में संख्या की बड़ी ताकत है, और वह “मांसपेशी वाली रणनीति” अपनाकर भारी संख्या में सैनिकों को फ्रंटलाइन पर भेजता है.

2022 में शुरू हुई थी जंग

रूस ने 2022 में यूक्रेन पर पूरी तरह से आक्रमण कर दिया था और वर्तमान में वह यूक्रेन के लगभग 20% क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है, जो मुख्य रूप से पूर्वी यूक्रेन के इलाके में स्थित है. इस आक्रमण के बाद से रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई लगातार जारी है.