ताइवान को देश मानने से चीन का इनकार, सबूत के तौर पर UN का दिया हवाला
चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि "ताइवान स्वतंत्रता" के लिए शोर मचाना देश को विभाजित करना है. चूंकि,"ताइवान स्वतंत्रता" का समर्थन करना चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना है और "ताइवान स्वतंत्रता" की पैरवी करना ताइवान जलडमरूमध्य की स्थिरता को कमजोर करना है.
ड्रैगन ने एक बार फिर ताइवान को लेकर बड़ा बयान दिया है. इस बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी का कहना है कि ताइवान कोई देश नहीं है. उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र में ताइवान क्षेत्र का एकमात्र संदर्भ 'ताइवान, चीन का प्रांत' है. ताइवान कभी भी देश नहीं रहा, न तो अतीत में और न ही भविष्य में. उन्होंने कहा कि इसे बदला नहीं जा सकता है. चीनी विदेश मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,'ताइवान चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है. यह इतिहास और वास्तविकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में चल रही प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ देशों ने कुछ समय से दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का प्रस्ताव 2758 एक-चीन सिद्धांत के बराबर नहीं है, ताइवान की संप्रभुता को स्पष्ट रूप से तय नहीं करता है, और ताइवान को अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भाग लेने से नहीं रोकता है.
इस तरह की कहानी बेहद बेतुकी और खतरनाक- चीनी विदेश मंत्री
सीपीसी केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि इस तरह की कहानी संयुक्त राष्ट्र के अधिकार और युद्ध के बाद की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती है. यह बेहद बेतुका और खतरनाक है. वांग ने कहा कि इसे फैलाने वालों को अपने जनरल नॉलेज को सुधारने के लिए कुछ मदद की ज़रूरत हो सकती है.
ताइवान का समर्थन करना चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने जैसा
चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि, "ताइवान स्वतंत्रता" की मांग करना देश को विभाजित करने जैसा है, "ताइवान स्वतंत्रता" का समर्थन करना चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने जैसा है, और "ताइवान स्वतंत्रता" को सहमति देना ताइवान जलडमरूमध्य की स्थिरता को नष्ट करना है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संप्रभुता का सिद्धांत संयुक्त राष्ट्र चार्टर का मूल है, और किसी भी देश या व्यक्ति को डबल स्टैंडर्ड नहीं अपनाना चाहिए.
ताइवान चीन का अविभाज्य हिस्सा है
वांग ने कहा कि ताइवान चीन का अविभाज्य हिस्सा है, और यह न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से, बल्कि वर्तमान वास्तविकता के आधार पर भी है. इस वर्ष ताइवान की पुनः प्राप्ति की 80वीं वर्षगांठ है. 80 साल पहले, चीनी लोगों की जापानी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध युद्ध की जीत ने ताइवान को फिर से चीन के संप्रभु क्षेत्र के रूप में स्थापित किया था. काइरो घोषणापत्र और पोत्सडाम उद्घोषणा ने यह स्पष्ट किया था कि ताइवान वह क्षेत्र है जिसे जापान ने चीन से छीन लिया था और जिसे चीन को वापस किया जाना चाहिए.
जापान के लिए चेतावनी
इसके अतिरिक्त, वांग ने जापान को यह चेतावनी दी कि "ताइवान के नाम पर समस्या उत्पन्न करना जापान के लिए खुद समस्या पैदा करना है. उन्होंने जापान के कुछ लोगों को जो ताइवान स्वतंत्रता के समर्थक हैं, उसको यह संदेश दिया कि "ताइवान संकट, जापान संकट" की प्रचार को बंद करें और कहा कि ताइवान के नाम पर उत्तेजना पैदा करना जापान के लिए समस्याएं पैदा करेगा.