menu-icon
India Daily
share--v1

खुद ही लॉन्च हो गया चाइना का रॉकेट, अंजाम देखकर 'चाइनीज माल' वाली बात याद आ जाएगी

लॉन्च होने से पहले चाइना का रॉकेट खुद ही लॉन्च हो गया. जिसके बाद यह रॉकेट पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जहां कुछ देर तक आग की लपटे देखी गई. दरअसल बीजिंग तियानबिंग टेक्नोलॉजी कंपनी के रॉकेट Tianlong-3 का ग्राउंड टेस्ट हो रहा था, तभी लॉन्च पैड से रॉकेट का पहला स्टेज अपने आप अलग हो गया और बाद कुछ दूर पहाड़ियों पर क्षतिग्रस्त हो गया.

auth-image
India Daily Live
Tianlong-3
Courtesy: social media

चीन की एक निजी अंतरिक्ष फर्म का रॉकेट अचानक अपने आप लॉन्च हो गया. उड़ान भरने के कुछ देर बाद यह रॉकेट पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. कंपनी ने कहा कि  रॉकेट में तकनीकी गड़बड़ी आ गई थी. रविवार को बीजिंग तियानबिंग टेक्नोलॉजी कंपनी के रॉकेट Tianlong-3 का ग्राउंड टेस्ट हो रहा था. इसी दौरान लॉन्च पैड से रॉकेट का पहला स्टेज खुद-ब-खुद अलग हो गया. कंपनी ने डिटैचमेंट के पीछ ढांचागत में खराबी का कारण दिया गया. 

स्पेस पानियर ने कहा कि एक हाट टेस्ट के दौरान Tianlong-3 का पहला स्टेज उम्मीद के हिसाब से जला लेकिन स्ट्रक्चरल फेल्योर के चलते यह टेस्ट बेंच से अलग हो गया और करीब डेढ़ किलोमीटर दूर गोंगयी इलाके की पहाड़ियों में क्रैश हो गया.

खुद ही लॉन्च हो गया चाइना का रॉकेट

लॉन्च होने से पहले चाइना का रॉकेट खुद ही लॉन्च हो गया. इस मामले के शुरूआती जांच में किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है. कंपनी के मुताबिक, टेस्ट के मद्देनजर इलाके को पहले ही खाली करा लिया गया था. हालांकि रॉकेट क्रैश से पहाड़ी जंगल में आग लग गई. काफी देर तक पहाड़ों पर आग की लपटे नजर आई. 

धमाके के साथ पहाड़ियो के बीच गिरा रॉकेट

वीचैट पर ऑफिशियल अकाउंट स्पेस पायनियर ने कहा कि रॉकेट के टुकड़े एक सुरक्षित इलाके में फैले थे. हादसे के बाद लगी आग पर कुछ देर बाद काबू पा लिया गया. चीन में रॉकेट के मलबों का गिरना आम बात है लेकिन इस तरह टेस्ट के दौरान रॉकेट का अचानक उड़ना और क्रैश होना दुलुर्भ बात है. 

तियानलोंग-3 रॉकेट लॉन्च से पहले क्रैश हो गया

बता दें कि स्पेस पायनियर चीन के कॉमर्शियल रॉकेट सेक्टर में प्रमुख कंपनी है. यह खासतौर पर लिक्किड प्रोपेलेंट वाले रॉकेट बनाती है. अप्रैल 2023 में तियानलोंग रॉकेट को भेजने वाली चीन की पहली कंपनी बन गई थी, तियानलोंग-3 भी इसी तकनीक पर आधारित रॉकेट था. जो अब क्षतिग्रस्त हो गया है.