चीन में 12 साल की उम्र के लड़कों द्वारा की गई छोटी बच्चियों की हत्या करने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन कम्युनिस्ट देश इस उम्र के हत्यारों पर कड़ा एक्शन लेने के बदले उसे जेल की सजा से बचने की अनुमति देता है. इस तरह के अपराधियों को थोड़े वक्त के लिए मानसिक संस्थानों में भेज देता है. न्यूयॉर्क पोस्ट की एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, कुछ मामलों में, युवा अपराधियों को अपने अपराध करने के तुरंत बाद स्कूल जाने की भी अनुमति दी जाती है.
वहीं चीन के इस रैवेये से ज्यादातर पीड़ितों के माता-पिता न्याय मिलने का इंतजार करते हैं लेकिन उन्हें वहां की सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है.
कई सालों से दुनिया भर के देशों में युवा अपराधियों को सजा देने और उसमें छूट देने की प्रक्रिया सरकार और प्रशासन के लिए एक चुनौती बनी हुई है. वहीं चीन में इन दोनों ही केसों में सजा का प्रवाधान और प्रक्रिया पूरी तरह से अलग है. चीनी सरकार में इस तरह के अपराधियों को अलग प्राथमिकता दी जाती है
चीन में ऐसे बहुत से माता पिता हैं जो सरकार से मिलने वाली न्याय का इंतजार कर रहे हैं. हालही में गोंग जुनली. जिनकी 8 साल की बेटी को 13 साल के लड़के ने बेरहमी से चाकू घोंपकर मार दिया लेकिन इस परिवार को सरकार और प्रशासन की ओर से कोई न्याय नहीं मिला है. यह परिवार अभी तक इस उम्मीद में बैठा है कि सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट उनकी बेटी के हत्यारे को सजा देगी.
वहीं मार्च में एक घटना ने सबको परेशान कर दिया. जब एक पिता ने कहा कि उनकी बेटी को एक लड़के ने शिनजिंग टाउनशिप के एक जंगली इलाके में बहला फुसलाकर ले गया. उसके बाद लड़के ने उस लड़की पर कई बार चाकू से वार किया और फिर उसके शव को चिनार के पेड़ों के बीच फेंक दिया.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 13 साल के संदिग्ध अपराधी के पास से चाकू, ब्लेड, डिस्पोजेबल दस्ताने और प्लास्टिक की रस्सियों सहित कई सामान बरामद किया गया. इन सभी चीजों को जंगल में बहुत ही शातिर तरीके से छिपा कर रखा था. जहां वह उस लड़की को बहला कर खेलने के बहाने ले गया था.
बता दें कि 2021 में चीन ने आपराधिक जिम्मेदारी की आयु 14 से कम करके 12 कर दी. हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका के विपरीत है. बच्चों को हिरासत में जेल नहीं भेजा जाता है और ना ही इस उम्र के अपराधियों को ऐसी कोई सजा दी जाती है.
नए कानून के बावजूद चीन में युवाओं के खिलाफ मामले ज्यादा बढ़ा है. 2020 और 2023 के बीच , अब तक 243, 000 नाबालिगों पर आरोप लगाए गए, जिसमें हर साल औसतन 5% की वृद्धि हुई. SPC ने हाल ही में घोषणा की कि साल 2024 के पहेल तीन महीनों में 12,000 नाबालिगों के खिलाफ सजा सुनाई है और इस तरह के अपराध को रोकने के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए गए. जिसमें सुझाव दिया गया है कि अदालत बच्चों के इस तरह की करतूतों पर उनके माता पिता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.