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India Daily

'ताइवान को हथियार देना बंद करें वरना...', चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी

चीन की ओर से दी गई यह धमकी अमेरिका और ताइवान के बीच बढ़ती रक्षा साझेदारी के संदर्भ में गंभीर सवाल खड़ा करती है. यह घटना केवल दोनों देशों के रिश्तों पर ही नहीं, बल्कि समग्र एशियाई सुरक्षा स्थिति पर भी प्रभाव डाल सकती है. इस मुद्दे पर आगे क्या होगा, यह समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव स्पष्ट रूप से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
China warns the United States to stop providing weapons to Taiwan

चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर उसने ताइवान को हथियार देना जारी रखा, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. यह बयान चीन के अधिकारियों द्वारा तब दिया गया जब अमेरिका ने ताइवान को सुरक्षा सहायता और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति जारी रखने की घोषणा की.

विदेशी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं

चीन के लिए ताइवान एक अत्यधिक संवेदनशील मुद्दा है. वह ताइवान को अपनी एक प्रांतीय इकाई मानता है और किसी भी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता. ताइवान के साथ अमेरिका के रिश्ते और वहां की सुरक्षा को लेकर अमेरिका का सहयोग, विशेष रूप से रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, चीन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

गंभीर परिणाम होंगे

चीन के अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर अमेरिका ने ताइवान को हथियार देना बंद नहीं किया, तो इसके परिणामस्वरूप गंभीर राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव पैदा हो सकता है. इसके साथ ही चीन ने यह भी चेतावनी दी कि यदि अमेरिका ने ताइवान के लिए अपने समर्थन को और बढ़ाया, तो इससे न केवल द्विपक्षीय रिश्तों में खटास आ सकती है, बल्कि यह पूरे एशियाई क्षेत्र में सुरक्षा संकट पैदा कर सकता है. चीन का कहना है कि ताइवान का मुद्दा उसकी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़ा हुआ है. ताइवान को हथियारों की आपूर्ति अमेरिका द्वारा उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करने के बराबर माना जाता है.

क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा

अमेरिका और ताइवान के बीच रक्षा सहयोग पर चीन का विरोध कोई नई बात नहीं है. चीन ने पहले भी अमेरिका से ताइवान को हथियारों की आपूर्ति बंद करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि ताइवान के प्रति अमेरिकी समर्थन से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को खतरा हो सकता है.

अमेरिका का तर्क है कि ताइवान को हथियार देना उसकी नीति का हिस्सा है, जिससे ताइवान की आत्मरक्षा क्षमता को बढ़ावा मिलता है और उसे चीन से उत्पन्न होने वाले संभावित खतरे से बचाव मिलता है. ताइवान का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से चीन के साथ संबंधों को बनाए रखना चाहता है, लेकिन उसे अपनी सुरक्षा का पूरा अधिकार है.

चीन का यह बयान अमेरिका और ताइवान के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग के संदर्भ में आया है. अब यह देखना होगा कि दोनों देशों के बीच इस बढ़ते तनाव का क्या परिणाम होता है और क्या कोई कूटनीतिक समाधान सामने आता है.