China training its army to defend against drones: 21वीं सदी में युद्ध की प्रकृति में बड़े बदलाव आ रहे हैं. अब यह केवल टैंकों और मिसाइलों तक सीमित नहीं है. भविष्य के युद्धों का सबसे प्रमुख हिस्सा ड्रोन बनने जा रहे हैं. यह बात अमेरिका के सफल उद्यमी और निवेशक, नवल रविकांत और उनके साथी मार्क आंद्रेसेन ने कही है. दोनों ने यह भविष्यवाणी की है कि युद्ध का भविष्य ड्रोन के हाथों होगा. चीन अपने सैनिकों को ड्रोन अटैक की ट्रेनिंग भी दे रहा है. इसका एक वीडियो भी सामने आया है.
चीन ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और अब दुनिया में ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनता जा रहा है. ड्रोन के विकास में चीन इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि इससे बाकी देशों की नींद उड़ गई है, खासकर अमेरिका की.
चीन की ड्रोन तकनीक में प्रगति
चीन ने ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में अब तक काफी तरक्की की है. वर्तमान में चीन के पास 50 से अधिक प्रकार के ड्रोन हैं जो सक्रिय रूप से विकास में हैं. इनमें से कुछ ड्रोन अत्यधिक गति से उड़ सकते हैं, जबकि कुछ ड्रोन छिपे हुए हमलों के लिए बनाए गए हैं. उदाहरण के तौर पर, चीन का WZ-8 ड्रोन जो हाइपरसोनिक गति से उड़ सकता है और 100,000 फीट की ऊंचाई पर निगरानी करने की क्षमता रखता है. यह ड्रोन दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को धोखा देने के लिए डिजाइन किया गया है.
China adapts to 21st century warfare — now training its army to defend against drones pic.twitter.com/RJSX2TKFHs
— RT (@RT_com) April 13, 2025
चीन के ड्रोन विकास की योजना काफी विशाल है. आने वाले कुछ वर्षों में, चीन एक मिलियन से अधिक किमीकेज़ ड्रोन का उत्पादन करने की योजना बना रहा है. ये ड्रोन सिर्फ निगरानी उपकरण नहीं हैं, बल्कि युद्ध के लिए तैयार युद्ध मशीनें हैं. किमीकेज ड्रोन ऐसी ड्रोन होती हैं जो अपने लक्ष्य को नष्ट करने के लिए खुद को नष्ट कर देती हैं.
चीन की ड्रोन ताकत केवल तकनीकी विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें उसका औद्योगिक आधार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. चीन के ड्रोन निर्माता कंपनियां, जैसे कि DJI और AVIC, राज्य समर्थन के साथ मिलकर ड्रोन का उत्पादन तेजी से कर रही हैं. ड्रोन अब उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की तरह बड़ी संख्या में बनाए जा रहे हैं, और यह उत्पादन की गति बाकी देशों के मुकाबले कहीं अधिक तेज़ है.
अब एआई और ड्रोन से लड़ा जाएगा युद्ध
मार्क आंद्रेसेन का कहना है, “सॉफ़्टवेयर दुनिया को खा रहा है, और अब यह युद्ध भूमि को भी खा रहा है.” स्वायत्त प्रणालियां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल युद्ध अब किसी भविष्य के विचार नहीं रहे. ये अब युद्ध के सामान्य हिस्सा बन गए हैं. ड्रोन के पीछे एक बड़ी रणनीति काम कर रही है, जो गति, बुद्धिमत्ता और संख्या पर आधारित है.