एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रैरिफ वॉर छेड़कर पूरी दुनिया में दहशत मचा दी है, वहीं दूसरी तरफ चीन भी ट्रंप और अमेरिका को बिल्कुल भी बख्शने के मूड में नहीं है. 4 अप्रैल, 2025 तक, चीन ने अमेरिका से आयातित सभी सामानों पर 34% का एकसमान शुल्क लगाने की योजना की घोषणा की है. यह नया शुल्क 10 अप्रैल, 2025 से लागू होगा, जैसा कि स्टेट काउंसिल टैरिफ कमीशन के एक बयान में कहा गया है. यह कदम अमेरिका द्वारा चीनी आयात पर 34% का "रेसिप्रोकल" ट्रैरिफ लगाने के जवाब में उठाया गया है, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल, 2025 को की थी. अमेरिका का यह शुल्क मौजूदा 20% शुल्क के साथ मिलकर चीनी सामानों पर कुल 54% की दर तक पहुंच गया है, जो 9 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा.
अमेरिका के खिलाफ चीन की जवाबी कार्रवाई
चीन का यह प्रतिशोधी शुल्क सभी अमेरिकी आयात पर लागू होगा, हालांकि 10 अप्रैल से पहले भेजे गए और 13 मई, 2025 तक पहुंचने वाले सामानों को इससे छूट दी जाएगी. स्टेट काउंसिल ने इसे अमेरिकी कदमों के खिलाफ एक "प्रतिरोध" करार दिया है, जो उनके अनुसार "अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन" करते हैं और "एकतरफा आर्थिक दबाव" का रूप हैं. यह कदम चीन के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव लगातार बढ़ रहा है.
China to reciprocate with 34% flat tariff on ALL US goods – State Council pic.twitter.com/tgelzNr4fg
— RT (@RT_com) April 4, 2025
व्यापार युद्ध में नई आक्रामकता
इससे पहले फरवरी और मार्च 2025 में चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों और ऊर्जा जैसे विशिष्ट क्षेत्रों पर सीमित शुल्क लगाए थे. लेकिन अब यह व्यापक और सख्त रुख दोनों देशों के बीच चल रहे व्यापार युद्ध में एक नए और आक्रामक चरण की ओर इशारा करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और दोनों अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा असर डाल सकता है.
चीन और अमेरिका के बीच यह ताजा टकराव वैश्विक व्यापार के लिए एक चुनौती बन सकता है. आने वाले दिनों में इसकी प्रतिक्रिया और प्रभाव पर नजर रखना जरूरी होगा.