menu-icon
India Daily

चीन ने टैरिफ के बीच उठाया बड़ा कदम, धरती के दुर्लभ खनिजों के एक्सपोर्ट पर कसा शिकंजा, दुनिया नहीं चला पाएगी EV!

China tightens its grip on exports of rare earth minerals: वैश्विक स्तर पर चल रहे टैरिफ वार पर चीन ने एक बड़ा दांव चल दिया है. उसने धरती के दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर शिकंजा कस दिया है.

auth-image
Edited By: Gyanendra Tiwari
China tightens its grip on exports of rare earth minerals this affect production of electric vehicle
Courtesy: Social Media

China tightens its grip on exports of rare earth minerals: चीन ने हाल ही में दुर्लभ धरती खनिजों (Rare Earth Elements) के निर्यात पर सख्त नियंत्रण लागू किए हैं. इससे पूरी दुनिया में खासकर ऑटोमोबाइल और रक्षा क्षेत्रों में चिंता की लहर दौड़ गई है. यूरोपीय और जापानी कंपनियों ने चेतावनी दी है कि यदि आपूर्ति जल्द सामान्य नहीं हुई, तो कुछ ही महीनों में भारी संकट खड़ा हो सकता है.

किन खनिजों पर लगी रोक?

चीन की नई पाबंदियां सात अहम दुर्लभ खनिजों पर लागू हुई हैं, जिनमें डाइसप्रोशियम, टरबियम और समेरियम शामिल हैं. ये खनिज हाई परफॉर्मेंस मैग्नेट्स बनाने में उपयोग होते हैं, जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों, विंड टरबाइनों और फाइटर जेट्स जैसी सैन्य तकनीकों में बेहद जरूरी हैं.

क्या रुक जाएगा EV उत्पादन?

दुनियाभर की कंपनियों को अब डर सता रहा है कि यदि खनिजों की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ, तो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सैन्य उपकरणों का उत्पादन रुक सकता है. आने वाले महीनों में यह संकट और गहराने की आशंका है.

ऑटो सेक्टर के विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकतर वाहन कंपनियों और उनके सप्लायर्स के पास केवल दो से तीन महीनों का स्टॉक बचा है. यदि इस समयावधि में खनिजों की आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस स्थिति को “बहुत गंभीर” बताते हुए कहा कि यह फैसला कंपनियों को सरकारों पर दबाव डालने के लिए मजबूर करेगा.

सिर्फ आर्थिक नहीं, रणनीतिक कदम भी

चीन के इस कदम को सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक मोर्चे पर भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है. भारी और मध्यवर्ती दुर्लभ खनिजों पर लगाई गई रोक खासतौर पर उन तकनीकों को प्रभावित करेगी जो गर्मी सहने वाले मैग्नेट्स पर निर्भर हैं. रक्षा और हाइब्रिड गाड़ियों के लिए ऐसे मैग्नेट्स जरूरी होते हैं.

निर्यात के लिए जरूरी होगा लाइसेंस

नए नियमों के तहत, इन खनिजों को निर्यात करने से पहले हर खेप के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. साथ ही, इन खनिजों को अमेरिका को दोबारा निर्यात करने पर भी रोक लगाई गई है. इस प्रक्रिया की धीमी गति पहले से ही वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर रही है.

कई देशों में मचा आपूर्ति संकट

जापान, यूरोप और अन्य देशों ने अब वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखलाएं बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं. जापान, ऑस्ट्रेलिया की 'Lynas Rare Earths' कंपनी को समर्थन दे रहा है, जो मलेशिया में दुर्लभ खनिजों के उत्पादन को बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है. चीन को दुर्लभ खनिजों के लिए म्यांमार से कच्चा माल मिलता है, लेकिन वहां चल रहे नागरिक संघर्ष ने इस आपूर्ति को भी अस्थिर कर दिया है. इससे चीन की घरेलू आपूर्ति पर भी असर पड़ रहा है.