3 महीने बाद हिंद महासागर से वापस लौटा चीन का जासूसी जहाज, भारत को क्यों था खतरा
चीन का जासूसी जहाज शी यान-6 पूर्वी हिंद महासागर से 83 दिन, लगभग तीन महीने के बाद 1 दिसंबर को अपने देश लौट गया. इस पर 37 साइंटिस्ट सवार थे, जो कई सारे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे.
हिंद महासागर में तैनात चीनी जासूसी जहाज शी यान-6, 83 दिन के बाद अपने बेस की तरफ लोट गया है. चीन के इस वैज्ञानिक रिसर्च अभियान के खत्म होने पर भारत ने राहत की सांस ली है क्योंकि भारत के कुछ एक्सपर्ट्स इसको भारत की सुरक्षा को लेकर खतरा बता रहे थे.
बता दें यह यान दक्षिणी चीन के गुआंगडोंग प्रांत के गुआंगजौ शहर में अपने पोर्ट में वापसी करेगा. यह यान पूर्वी हिंद महासागर में 83 दिनों से तैनात था. इस यान पर 37 साइंटिस्ट सवार थे, जो बाहर सारे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे. इस 83 दिनों में इसने करीब 25,300 किमी की समुद्री यात्रा की है.
चीन के 37 साइंटिस्टों ने 28 पोजेक्ट्स पर किया काम
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के 37 साइंटिस्ट इस जहाज पर सवार थे. जिन्होंने 28 प्रोजेक्ट्स पर काम किया है. साउथ चाइना सी इंस्टीटयूट ऑफ ओशियनोलॉजी ने चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के तहत इस मिशन का आयोजन किया था. 10 सितंबर को यह हिंद महासागर में पहुंचा था. तभी भारत अक्टूबर में अपनी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल को टेस्ट करने वाला था. जिसके लिए बंगाल की खाड़ी से हिंद महासागर ने फ्लाई जोन बनाने की घोषणा की थी. इससे पहले ही चीन अपना जासूस जहाज वहां उतार दिया. जिसके चलते ऐसा माना गया कि अगर भारत परिक्षण करता है तो मिसाइल की खुफिया जानकारी चीन को पता चल जाएगी.
चीन पहले भी यह हरकत कर चुका है
बता दें कि चीन पहले भी यह हरकत कर चुका है. साल 2022 में भी नवंबर में भारत अग्नि की न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने वाला था और उससे कुछ ही दिन पहले चीन ने अपना जहाज युआन वांग-6 हिंद महासागर में उतार दिया था. उसी साल दिसंबर में चीनी जहाज युआन वांग-5 हिंद महासागर में उतारा गया था, जबकि भारत लंबी दूरी की मिसाइल का 15 से 16 दिसंबर के बीच परीक्षण करने के लिए तैयार था.
चीन ने बताया क्या किया है इन 83 दिनों में
चीन ने कहा कि यात्रा के दौरान चीनी जहाज ने जल-मौसम विज्ञान अवलोकन किया है और वायुमंडलीय एरोसोल भूकंपीय संग्रह, जांच बहु-विषयक कार्य और समुद्री तलछट संग्रह और जैव रसायन जैसे कार्य किए है. वैज्ञानिकों ने कई तरह के डेटा भी प्राप्त किए हैं.