China America Tariff War: चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर से गहराता जा रहा है. इस बीच अमेरिका में नियुक्त चीन के राजदूत शिए फेंग ने वॉशिंगटन को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका को 1930 के दशक की वही गलतियाँ नहीं दोहरानी चाहिए, जिनसे उस दौर में वैश्विक मंदी और ज्यादा गंभीर हो गई थी.
वॉशिंगटन स्थित चीनी दूतावास में आयोजित एक पारंपरिक चीनी चिकित्सा कार्यक्रम में बोलते हुए राजदूत फेंग ने कहा, "अगर सिर में दर्द हो तो सिर्फ सिर पर ध्यान देना और अगर पैर में दर्द हो तो सिर्फ पैर का इलाज करना सही नहीं होता." उन्होंने आगे कहा, "जब आप खुद बीमार हों, तब दूसरों को दवा नहीं लिखनी चाहिए." उनका यह बयान अमेरिका की ओर से बढ़ाए जा रहे टैरिफ को लेकर था.
टैरिफ से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को खतरा
राजदूत ने चेताया कि टैरिफ की दीवारें खड़ी करने से न केवल व्यापार प्रभावित होता है, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन भी टूटने का खतरा होता है. उन्होंने कहा, "यदि आपूर्ति श्रृंखलाएं बाधित होती हैं, तो इससे वस्तुओं की कमी, कीमतों में वृद्धि और आम लोगों को नुकसान होगा."
अमेरिका में टैरिफ 245% तक पहुँचे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है. नई नीति के तहत, कुछ चीनी उत्पादों पर 245% तक शुल्क लगाया गया है. कुल मिलाकर अब चीनी वस्तुओं पर औसतन 156% टैरिफ लग चुका है. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सामानों पर टैरिफ 125% तक बढ़ा दिए हैं.
ट्रंप का नरम रुख और बातचीत की संभावना
हालांकि ट्रंप ने एक बयान में कहा, "मैं नहीं चाहता कि टैरिफ और ज्यादा बढ़ें, क्योंकि एक स्तर के बाद लोग खरीदना बंद कर देते हैं." उन्होंने संकेत दिया कि चीन के साथ एक अच्छा समझौता हो सकता है, लेकिन फिलहाल कोई औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हुई है.