Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 125% करने के बाद चीन ने सख्त तेवर अपनाते हुए साफ कर दिया है कि वो बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन दबाव और धमकी की भाषा उसे मंजूर नहीं. बीजिंग ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ज़बरदस्ती पर उतरा तो चीन भी आखिरी दम तक डटा रहेगा.
'ब्लैकमेल से नहीं चलेगा काम' - चीनी मंत्रालय
बता दें कि चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता हे योंगकियान ने बयान में कहा, ''चीन की स्थिति साफ है. अगर अमेरिका बातचीत चाहता है, तो हमारा दरवाज़ा खुला है. लेकिन बातचीत आपसी सम्मान और बराबरी के आधार पर होनी चाहिए. दबाव, धमकी और ब्लैकमेल चीन से निपटने का सही तरीका नहीं है.''
ट्रेड वॉर की तल्खी और बढ़ी
ट्रम्प के इस कदम ने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच पहले से चल रही ट्रेड जंग को और भड़का दिया है. अमेरिका ने ज़्यादातर देशों को 90 दिन की टैरिफ राहत दी है, लेकिन चीन को इस छूट से बाहर रखा गया. प्रशासन का कहना है कि ये कदम बीजिंग की 'आक्रामक नीतियों' का जवाब है.
अमेरिका बोला - चीन सबसे बड़ा 'बुरा खिलाड़ी'
वहीं अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा, ''यह बुरे लोगों के बारे में है. चीन, अमेरिकी व्यापार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है.'' वहीं ट्रम्प ने सफाई दी कि उन्होंने टैरिफ में राहत सिर्फ उन्हीं देशों को दी जो जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहे. उन्होंने कहा, ''मैंने चीन को चेतावनी दी थी कि अगर पलटवार करोगे तो दोगुना मार पड़ेगी और वही मैंने किया.''
चीन ने डब्ल्यूटीओ में की शिकायत
चीन ने अमेरिका की इस 'धमकाने वाली नीति' के खिलाफ वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन (WTO) में शिकायत दर्ज कराई है और साफ किया है कि वो हर कदम का जवाब देगा.