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'प्यासे' मालदीव को ग्लेशियर का पानी क्यों भेज रहा है चीन? समझिए क्या है पूरा मामला

China Maldives Row: पानी के संकट से जूझ रहे मालदीव की चीन ने मदद की है.मालदीव के विदेश मंत्रालय ने जल प्राप्त करने के बाद कहा कि इसे पेयजल की अनुउपलब्धता के दौरान लोगों को वितरित किया जाएगा. 

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Edited By: India Daily Live
China Maldives Row
Courtesy: Social Media

China Maldives Row: हिंद महासागर में स्थित द्वीपीय राष्ट्र मालदीव के ऊपर पानी का संकट छाया हुआ है. मालदीव के इस संकट को दूर करने के लिए चीन सामने आया है. चीन ने मालदीव को 1500 टन पानी की खेप भेजी है. यह दो महीने में भेजी गई दूसरी खेप है. खास बात यह है कि यह पानी तिब्बत के ग्लेशियरों से प्राप्त किया गया है. चीन से पहले भारत द्वारा माले की पानी की जरूरतों को पूरा किया जाता था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन द्वारा मालदीव को भेजे गए अनुदानों में यह सबसे ताजा खेप है. चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद इस तरह के अनुदान में खासी बढ़ोत्तरी देखी गई है.

'चीन हमारा अच्छा दोस्त'

समाचार पोर्टल सन डॉट एमवी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के जिजांग क्षेत्र ने गुरुवार को मालदीव सरकार को 1500 टन पेयजल दान दिया है. जानकारी के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने कहा कि दान किया गया पानी पेयजल की अनुउपलब्धता के दौरान लोगों को वितरित किया जाएगा.  इससे पहले मार्च माह में भी चीन ने 1500 टन पानी की खेप देने की घोषणा की थी. एक कार्यक्रम के दौरान मालदीव में चीन के राजदूत वांग लिक्सिन ने विदेश मंत्री मूसा जमीर को यह खेप सौंपी. इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चीन मालदीव का अच्छा दोस्त है. चीन माले का संकट और चुनौतीपूर्ण समय में महत्वपूर्ण सहयोगी है. 

भारत ने की संकट में मदद 

मालदीव में 26 एटोल हैं और इसके 1,192 द्वीप ज्यादातर प्रवाल भित्तियों और सैंडबार से बने हैं. इस कारण यहां भूजल या मीठे पानी की आपूर्ति दुर्लभ हो जाती है. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और अनियमित विकास के कारण यहां समस्याएं बढ़ गई हैं. साल 2014 में मालदीव भीषण जल संकट से जूझ रहा था. इस दौरान भारत ने उसकी मदद की थी. भारत ने मालदीव की मदद के लिए ऑपरेशन नीर चलाया था और उसे पानी उपलब्ध कराया था.