China News: चीनी संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस (NPC) ने सोमवार को एक कानून में बड़ा संशोधन कर दिया. इस संशोधन के तहत चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) का राज्य की कार्यकारी परिषद और कैबिनेट की शक्तियों पर नियंत्रण हो जाएगा. यह संशोधन ऐसे समय हुआ है जब चीनी संसद ने संसद सत्र के बाद होने वाले संवाददाता सम्मेलन को खत्म कर दिया है. चीन में दशकों से होने वाले संवाददाता सम्मेलन में संसद में लिए गए अहम निर्णयों और नीतियों का ब्यौरा प्रधानमंत्री द्वारा पेश किया जाता था. यह सम्मेलन पिछले 30 सालों से लगातार हो रहा था.
नेशनल पीपल्स कांग्रेस के समापन दिवस के अंतिम दिन राज्य परिषद कानून में संशोधन कर किया गया. यह बिल 2883 मतों के साथ संसद से पारित हो गया. इस बिल के विरोध में आठ लोगों ने मतदान किया जबकि नौ लोग सदन से अनुपस्थित रहे.
चीनी संसद का का हालिया निर्णय उस नीति से प्रेरित है जिसमें चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी का राज्य की कार्यकारी शक्तियों पर नियंत्रण करना शामिल है. बीते कुछ सालों में कार्यकारी शक्तियों के नाममात्र के प्रमुख ली कियांग के अधिकारों में कमी की गई है जो चीन के 21 सरकारी मंत्रालयों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन पर भी नजर रखता है.
चीनी मामलों के जानकार बताते हैं कि राज्य की शक्तियों का पार्टी के हाथ में स्थानांतरण का दौर 1980 के दशक में ही शुरु हो गया था और यह लगातार जारी है. इसके तहत पार्टी से ही उम्मीद की जाती है कि वह राज्य की भलाई के लिए व्यवस्थित निर्णय लेगी और ईमानदारी से काम करेगी.
हालिया संशोधन में जोड़े गए प्रावधानों में कहा गया है कि स्टेट काउंसिल केंद्रीय पार्टी द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करेगी और उसी के अनुरुप शासन चलाने में सहयोग करेगी. इसके अलावा राज्य की कार्यकारिणी परिषद से उम्मीद की गई है कि वह शी जिनपिंग के विचारों को मानेगी और उन्हें बढ़ावा देगी. कार्याकारिणी से उम्मीद की गई है कि वह जिनपिंग थॉट को शासन के हर क्षेत्र में प्रसारित करेगी चाहें वह संस्कृति हो व्यापार हो या कूटनीति हो.
इस बिल के पास होने के बाद राज्य कार्यकारिणी अब हर हफ्ते होने वाली साप्ताहिक बैठकों का आयोजन नहीं कर सकेंगी. 2012 में चीन की सत्ता संभालने के बाद शी जिनपिंग ने कई मंत्रालयों की देखरेख के लिए केंद्रीय समितियों का गठन किया है जो सीधा उन्हें ही रिपोर्ट करती है. केंद्रीय समितियां प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मंत्रालयों की भी रिपोर्ट सीधा जिनपिंग को देती हैं. यह शक्तियों के अतिक्रमण से संबंधित है जिसमें प्रधानमंत्री की भूमिका राज्य के नाम मात्र के प्रमुख की है.