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चीन ने 2 साल में क्यों मार डाले 70 लाख गधे? आखिर ऐसी कौन सी दवा बना रहा है ड्रैगन

China News: चीन में हर साल लाखों गधों की हत्या हो रही है. इस हत्या के पीछे एक पारंपरिक दवा का उत्पादन शामिल है जिसमें इनकी खाल का इस्तेमाल किया जाता है.

India Daily Live

China News: गधों के साथ इंसानी रिश्ते की शुरुआत मानव सभ्यता की शुरुआत के साथ हो गई थी. मानव कम से कम 5000 सालों से काम में सहायता के लिए गधों का प्रयोग करता आया है. दुनिया में आज भी लगभग 50 करोड़ लोगों की आजीविका गधों पर आधारित है, लेकिन चीन में इन गधों पर शामत आ गई है. चीन में हर साल लाखों गधों को मारा जा रहा है. गधों की कमी पड़ने पर दुनियाभर से गधे लाए जाने लगे. गधों की कमी के पीछे का कारण है चलिए इसे जानते हैं. 

बीजिंग में ई-जियाओ नाम  की एक दवा की भारी डिमांड के कारण हर साल लाखों गधों की हत्या हो रही है. ई- जियाओ एक ट्रेडिशनल मेडिसिन है. इसके बारे में मान्यता है कि यह ब्लड को शुद्ध करती है. इसके अलावा इससे स्किन से जुड़ी समस्याओं, इम्यून सिस्टम को ठीक करने और प्रजनन क्षमताओं को बढ़ाने के दावे होते हैं. 

यह दवा गधे की खाल से निकाले गए  कोलेजन का प्रयोग करने के बाद बनाई जाती है. इस खाल को पाने के लिए गधों की अंधाधुंध हत्या की जा रही है. इसकी मांग इतनी ज्यादा है कि चीन में गधों की आबादी साल 2022 में 90 लाख से घटकर 18 लाख पर पहुंच गई है. आलम यह हो गया है कि चीन के कई क्षेत्रों में गधों की आपुर्ति  करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गधों को दूसरे देशों से मंगाया जा रहा है. विशेष रूप से अफ्रीका से बड़ी संख्या में गधे चीन भेजे जा रहे हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, यह दवा एक टीवी सीरीज में दिखाए जाने के बाद डिमांड में आई. ई-जियाओ एक लग्जरी उत्पाद  था. साल 1644 से 1912 तक चीन पर शासन करने वाले किंग राजवंश के दौरान यह अभिजान वर्ग के द्वारा इस्तेमाल की जाती थी. 2011 में टेलीविजन सीरीज एम्प्रेस इन द पैलेस में दिखाए जाने के बाद इसकी डिमांड आम लोगों में बढ़ गई. आंकड़ों के मुताबिक, ई-जियाओ को हर साल 59 लाख गधों के खाल की जरूरत होती है.