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India Daily

चीन ने टैरिफ वार में ट्रंप को दिया बड़ा झटका, अमेरिकी कंपनी बोइंग जेट की डिलवरी लेने पर लगाई रोक

China America Tariff War: ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपनी एयरलाइनों को आदेश दिया है कि वे अमेरिका द्वारा चीनी वस्तुओं पर 145% टैरिफ लगाने के निर्णय के जवाब में बोइंग जेट विमानों की और डिलीवरी न लें.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
China directed its airlines US-made Boeing jet deliveries what Donald Trump do tariff war
Courtesy: Social Media

China America Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कुछ तकनीकी उत्पादों को शुल्क से छूट दी थी, जिससे Apple जैसी कंपनियों को राहत मिली. लेकिन उनके फैसलों में लगातार बदलाव से वैश्विक बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

चीन और अमेरिका के बीच जारी व्यापार युद्ध एक और नए मोड़ पर पहुंच गया है. ताजा रिपोर्टों के अनुसार, चीन ने अपने एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि वे अब अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से किसी भी तरह की नई डिलिवरी न लें.

ट्रंप के टैक्स के जवाब में चीन की सख्ती

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका ने चीन से आने वाले उत्पादों पर 145% आयात शुल्क लगा दिया है. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 125% का जवाबी शुल्क लगाया है. इस फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव और गहराता दिख रहा है.

अमेरिकी कंपनियों से खरीद पर भी रोक

चीन ने न सिर्फ बोइंग जेट की डिलिवरी पर रोक लगाई है, बल्कि अमेरिकी कंपनियों से विमान से जुड़ी मशीनरी और उपकरण की खरीद पर भी तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. इससे अमेरिकी एविएशन उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है.

घरेलू कंपनियों को मिलेगा बढ़ावा

सूत्रों के अनुसार, चीन अब अपने घरेलू एयरलाइंस को प्रोत्साहन देने की योजना बना रहा है. जो कंपनियां बोइंग विमान किराए पर ले रही हैं, उन्हें सब्सिडी या अन्य राहतें दी जा सकती हैं ताकि वे महंगे शुल्कों का भार झेल सकें.

बोइंग के लिए चीन सबसे बड़ा बाजार

बोइंग के लिए चीन एक प्रमुख बाजार रहा है. साल 2018 में चीन ने बोइंग की कुल बिक्री का लगभग 25% हिस्सा खरीदा था. आने वाले 20 वर्षों में भी विमान उद्योग की वैश्विक मांग का 20% हिस्सा चीन से ही आने की उम्मीद है. ऐसे में यह रोक बोइंग के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है.

क्या ट्रंप लेंगे नया कदम?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप चीन के इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं. क्या वे बातचीत का रास्ता चुनेंगे या फिर व्यापार युद्ध को और आगे बढ़ाएंगे? दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच यह संघर्ष अब केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर भी असर डाल सकता है.