अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुए टैरिफ वॉर से दुनियाभर में दहशत फैल गई है. इस बीच चीन के केंद्रीय बैंक ने बुधवार (9 अप्रैल) को युआन की कीमत में गिरावट को रोकने के लिए कदम उठाए हैं. जहां प्रमुख सरकारी बैंकों को अमेरिकी डॉलर की खरीदारी में कटौती करने का आदेश दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल, यह आदेश तब आया है जब अमेरिकी सरकार ने चीन के सामान पर भारी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिए हैं, जिससे युआन पर दबाव बढ़ा है. ऐसे में चीन ने इस स्थिति से निपटने के लिए डॉलर की खरीदारी को सीमित करने की दिशा में कदम उठाए हैं.
अमेरिका के 104% टैरिफ का चीन पर क्या पड़ेगा प्रभाव!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते "परस्पर" टैरिफ की घोषणा की थी, जिसके तहत चीन पर 104% तक टैरिफ लगाए गए. यह कदम तब उठाया गया जब चीन ने ट्रंप के मांगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इस दौरान ट्रंप ने 34% का टैरिफ पहले से लागू किए गए 20% के अतिरिक्त लगाया है. चीन ने इस पर जवाबी कदम उठाते हुए 34% टैरिफ लागू किया, जिसके बाद ट्रंप ने 50% अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया, जब चीन ने अमेरिकी सामान पर टैरिफ घटाने की समय सीमा तक कोई कदम नहीं उठाया.
चीन की कड़ी प्रतिक्रिया और केंद्रीय बैंक की रणनीति
चीन ने ये साफ कर दिया है कि वह "अंत तक लड़ाई" जारी रखेगा और ट्रंप के "ब्लैकमेल" से झुकेगा नहीं. चीनी केंद्रीय बैंक, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC), ने इस हफ्ते स्टेट बैंकों को नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें उन्हें अपनी प्रोपाइटरी खाता खरीदारी से अमेरिकी डॉलर को रोकने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा, बैंकों को डॉलर खरीद आदेशों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भी कहा गया है.
युआन की कीमत पर स्थिरता बनाए रखना
PBOC ने ये साफ किया है कि वह युआन की कीमत में अत्यधिक गिरावट नहीं होने देगा, क्योंकि इससे मार्केट ट्रस्ट को नुकसान हो सकता है. हालांकि, एक मामूली गिरावट को सहायक माना जा रहा है क्योंकि यह निर्यात को बढ़ावा दे सकता है. एक नीति सलाहकार ने कहा, "हमारे लिए यह जरूरी है कि हम प्रमुख कंपनियों को सब्सिडी, टैक्स रिबेट्स, या बाजार विविधीकरण के माध्यम से सहायता प्रदान करें.