menu-icon
India Daily

'संवाद चुनें, टकराव नहीं', ट्रंप के टैरिफ वॉर से घबराए चीन ने अमेरिका से की अपील

चीन ने कहा कि हम अमेरिका के साथ खुली बीतचीत के लिए तैयार है. हमारे पास कई साझा हित और सहयोग का व्यापक दायरा है.

auth-image
Edited By: Ritu Sharma
Donald Trump Xi Jinping

रविवार को बीजिंग में चीन के दूसरे सबसे बड़े नेता, प्रीमियर ली कियांग ने अमेरिका के साथ "संवाद" की वकालत की. यह बयान तब आया, जब वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी सीनेटर स्टीव डेन्स और फेडएक्स, फाइजर, क्वालकॉम जैसे प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक कर रहे थे. हाल के हफ्तों में दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं, क्योंकि ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापक टैरिफ ने चीन के व्यापार को खतरे में डाल दिया है.

"विन-विन सिचुएशन की जरूरत"

ली ने डेन्स से कहा, "हमारे दोनों पक्षों को टकराव के बजाय संवाद, जीरो-सम प्रतिस्पर्धा के बजाय जीत-जीत सहयोग चुनना चाहिए." उन्होंने उम्मीद जताई कि वाशिंगटन "चीन के साथ मिलकर संबंधों के स्थिर, स्वस्थ और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देगा." डेन्स की यह यात्रा ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शिखर सम्मेलन की जमीन तैयार करने की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है. बैठक में फेंटेनिल ड्रग और इसके रसायनों के चीन से अमेरिका में प्रवाह पर भी चर्चा होने की संभावना थी.

"इतिहास के सही पक्ष पर खड़ा रहेगा चीन"
चाइना डेवलपमेंट फोरम में ली ने कहा, "चीन इतिहास के सही पक्ष पर, निष्पक्षता और न्याय के साथ खड़ा रहेगा और समय के उबड़-खाबड़ रास्तों में सही कदम उठाएगा." ट्रंप द्वारा शुरू किए गए व्यापार युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "वैश्विक आर्थिक विखंडन तेज हो रहा है, अस्थिरता और अनिश्चितता बढ़ रही है." बीजिंग "आर्थिक वैश्वीकरण की सही दिशा में चलेगा, सच्चे बहुपक्षवाद का पालन करेगा और स्थिरता की शक्ति बनेगा." इस कार्यक्रम में एप्पल के सीईओ टिम कुक सहित कई बड़े कारोबारी शामिल हुए.

"खुली बातचीत को तैयार"
शनिवार को डेन्स ने उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग से भी मुलाकात की. हे ने कहा, "चीन आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों के राजनीतिकरण और हथियारीकरण का विरोध करता है." उन्होंने जोड़ा, "हम अमेरिका के साथ खुली बातचीत के लिए तैयार हैं, हमारे पास कई साझा हित और सहयोग का व्यापक दायरा है." ट्रंप के नए टैरिफ से चीन के अमेरिका निर्यात पर 20% की बढ़ोतरी होगी, जिससे बीजिंग को वैश्विक व्यापार में नई रणनीति तलाशनी पड़ सकती है.