menu-icon
India Daily

चीन बना रहा है 1930 के दशक के नाजियों से भी बड़ी सेना, पेंटागन रिपोर्ट में हुआ खुलासा

चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के तहत तेजी से सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन 1930 के दशक के नाजी जर्मनी से भी बड़ी और शक्तिशाली सेना का निर्माण कर रहा है.

auth-image
Edited By: Garima Singh
china army
Courtesy: x

China build army: चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के तहत तेजी से सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन 1930 के दशक के नाजी जर्मनी से भी बड़ी और शक्तिशाली सेना का निर्माण कर रहा है. यह दावा अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट के प्रकाश में सामने आया है, जिसमें चीन की हथियार निर्माण क्षमता और मनोवैज्ञानिक युद्ध संबंधी गतिविधियों का विस्तृत विवरण दिया गया है.

अभूतपूर्व सैन्य निर्माण

सेवानिवृत्त सेना लेफ्टिनेंट कर्नल डेवोर ने "फॉक्स एंड फ्रेंड्स वीकेंड" पर कहा, "चीन अभूतपूर्व स्तर पर सैन्य निर्माण कर रहा है, जो हमने एडोल्फ हिटलर के बाद कभी नहीं देखा." उन्होंने बताया कि चीन अब अपनी भूमि शक्ति को प्राथमिकता दे रहा है, जो जल्दी मजबूत हो सकती है, जबकि नौसेना के विकास में अधिक समय लगता है.

डेवोर ने अमेरिकी सैन्य क्षमताओं को पीछे बताया और परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने मिसाइल रक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने की भी सिफारिश की.

परमाणु और नौसैनिक शक्ति का बढ़ता दायरा

रक्षा विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने 2024 में "पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना से जुड़े सैन्य और सुरक्षा घटनाक्रम" का गहन अध्ययन किया. डेवोर ने कहा, "चीन अपने परमाणु शस्त्रागार का बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहा है, और 2030 तक यह कम से कम 1,000 वॉरहेड तक पहुंच सकता है." उन्होंने यह भी बताया कि चीन के पास जहाज निर्माण क्षमता अमेरिका से 250 गुना अधिक है. चीनी नौसेना की ताकत अब अमेरिकी नौसेना से बड़ी हो चुकी है और इसमें और अधिक जहाज और पनडुब्बियां शामिल होंगी.

मिसाइल क्षमताओं में बढ़त

चीन ने अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स (PLARF) को मजबूत करते हुए 50 नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) और 300 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें जोड़ी हैं. अब उनके शस्त्रागार में 600 से अधिक ऑपरेशनल परमाणु हथियार शामिल हैं.

हाइपरसोनिक मिसाइलों में विश्व की अग्रणी ताकत

रिपोर्ट के अनुसार, चीन हाइपरसोनिक मिसाइलों के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है। इनमें डीएफ-27 भी शामिल है, जो अमेरिकी मिसाइल सुरक्षा को भेदने और गुआम, हवाई तथा अलास्का जैसे क्षेत्रों को निशाना बनाने में सक्षम है।