नए किम जोंग बन रहे शी जिनपिंग, बढ़ाने लगे परमाणु हथियारों का जखीरा, क्या है भारत की तैयारी?
चीन के पास भारत की तुलना में तीन गुना ज्यादा परमाणु हथियार हैं. SIPRI की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है. चीन अपने परमाणु हथियारों का जखीरा युद्धस्तर पर बढ़ा रहा है. चीन दुनिया के सबसे परमाणु शक्ति संपन्न देशों में से एक है, फिर भी शी जिनपिंग, नॉर्थ कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग की तरह हथियारों का जखीरा तैयार कर रहे हैं. यह सिर्फ पड़ोसियों को डराने की कवायद है, या कोई खतरनाक प्लान चीन बना रहा है, आइए जानते हैं.
चीन की साम्राज्यवादी नीतियां, अब खुलकर दुनिया के सामने आ रही हैं. पड़ोसी देशों की जमीन हड़पने की गंदी नियत रखने वाला चीन, अब बेलगाम होकर अपनी परमाणु क्षमता बढ़ा रहा है. चीन, तेजी से अपने जखीरे में परमाणु हथियार बना रहा है. यह सब ऐसे वक्त में हो रहा है, जब दुनियाभर के देश, परमाणु नि:शस्त्रीकरण की नीतियों पर काम कर रहे हैं. चीन के पास, भारत की तुलना में तीन गुना ज्यादा न्यूक्लियर वॉरहेड हैं. चीन ने कुछ बैलिस्टिक मिसाइलों को भी 'हाई ऑपरेशनल अलर्ट' पर तैनात किया है. चीन को सबसे बड़ी चुनौती भारत से मिलती है. भारत के साथ लगी कई सीमाओं पर चीन अपनी गंदी नजर रखता है, जिसकी वजह से भारत और चीन के संबंध अभी तक तल्ख बने हुए हैं.
भारत और पाकिस्तान दोनों के पास लगभग बराबर परमाणु हथियार हैं. रूस और अमेरिका, दूसरे देशों की तुलना में बहुत आगे हैं. उनके पास कुल परमाणु हथियारों का 90 फीसदी हिस्सा है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने सोमवार को एक आंकलन जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि चीन के पास अब 500 वॉरहेड हैं. जनवरी 2023 में चीन के पास 410 परमाणु हथियार थे.
चीन के बढ़ते परमाणु हथियार भारत के लिए टेंशन
चीन जैसे खतरनाक पड़ोसी से हर मोर्चे पर जूझ रहे भारत के पास 172 परमाणु हथियार हैं. साल 2023 में भारत के पास सिर्फ 164 परमाणु हथियार थे. पाकिस्तान के पास 2023 में 170 परमाणु हथियार थे, अभी तक कितने बढ़े हैं, इस पर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है. भारत अपनी सामरिक क्षमता को मजबूती से बढ़ा रहा है लेकिन चीन की बेलगाम हथियारों के प्रति ललक भारत के लिए चिंता पैदा कर रही है.
चीन-पाकिस्तान के खिलाफ क्या हैं भारत की तैयारी?
भारत के पास 11 मार्च को मल्टी-वारहेड क्षमता से संपन्न 5,000 किलोमीटर से अधिक की रेंज वाली अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल है. भारत ज्यादा से ज्यादा कैनिस्टर-लॉन्च मिसाइलों की ओर बढ़ रहा है. इन मिसाइलों की खासियत ये है कि इनमें पहले से ही वारहेड मौजूद हैं. इनकी खासियत ये है कि जब भी जरूरत पड़े, इन्हें सड़क से भी फायर किया जा सकता है. ये जमीन से जमीन पर, जमीन से आसमान तक मार करने वाली मिसाइलें हैं. इन्हें कहीं से भी फायर किया जा सकता है.
भारत आने वाले दिनों में दूसरे SSBN और INS अरिघाट को अंतिम रूप देने के लिए तैयार है. भारतीय नेवी, दूसरी सेनाओं की तुलना में थोड़ी कमजोर थी लेकिन अब सभी युद्धपोतों को परमाणु शक्ति से संपन्न बनाने की तैयारी चल रही है. पहला, INS अरिहंत 2018 में चालू हुआ था.
ये है हथियारों के तेजी से बढ़ने की वजह
SIPRI का दावा है कि रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास जैसे देशों के बीच चल रहे संघर्ष ही परमाणु क्षमताओं के बढ़ने की वजह हैं. भारत जैसे देश, दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दूसरे विकल्पों पर भी इसी लिए विचार कर रहे हैं. अगर ऐसे हालात हुए तो दो परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र कम से कम टकराएंगे नहीं.
किस देश के की क्या है परमाणु ताकत?
रूस- 4,380 वारहेड
अमेरिका- 3,708
फ्रांस- 290
यूके- 225
इजरायल- 90
उत्तर कोरिया- 50
भारत- 172
पाकिस्तान- 170
चीन- 500
SIPRI का दावा है कि भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया सभी बैलिस्टिक मिसाइलों पर कई वारहेड्स तैनात कर चुके हैं. यह काम अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन पहले कर चुके हैं. परमाणु हथियारों का बेलगाम निर्माण अब भी जारी है.