चीन की एक उभरती हुई कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कंपनी डीपसीक, जिसने हाल ही में अपने शक्तिशाली और किफायती AI मॉडल R1 के लिए सुर्खियां बटोरीं, अब एक नए कारण से चर्चा में है. खबरों के मुताबिक, कंपनी ने अपने प्रमुख कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं ताकि संवेदनशील जानकारी के लीक होने को रोका जा सके. डीपसीक के इंजीनियरों पर सख्त यात्रा प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसका मकसद गोपनीय डेटा की सुरक्षा करना है. इस डेटा में व्यापारिक रहस्यों के साथ-साथ संभवतः सरकारी गोपनीय जानकारी भी शामिल हो सकती है.
डीपसीक ने खुद को ओपनएआई और गूगल डीपमाइंड जैसे AI दिग्गजों के लिए एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित किया है. इसका AI मॉडल, जिसमें चैटबॉट, कंटेंट जनरेशन और अन्य AI-संचालित उपकरण शामिल हैं, प्रमुख ऐप स्टोर्स पर सबसे अधिक डाउनलोड की जाने वाली एप्लिकेशन बन गया और इसने अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया.
डीपसीक की वैश्विक सफलता इतनी तेजी से बढ़ी कि चीन ने इसे 'राष्ट्रीय संपदा' का दर्जा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, "डीपसीक के इंजीनियरों ने अपने चीनी पासपोर्ट कंपनी को सौंप दिए हैं. इस कदम का उद्देश्य ऐसी गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखना है जो व्यापारिक या सरकारी रहस्यों से जुड़ी हो सकती है."
डीपसीक के संचालन पर बढ़ती चिंताएं
डीपसीक के AI मॉडल की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही डेटा सुरक्षा और सरकारी प्रभाव को लेकर चिंताएं भी गहरा गई हैं. नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों ने सवाल उठाया है कि क्या चीनी सरकार डीपसीक के AI द्वारा प्रोसेस किए गए यूजर डेटा तक पहुंच बना सकती है. संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत जैसे देशों ने कंपनी के चीन से संबंधों को लेकर सुरक्षा जोखिमों की आशंका जताई है.
अमेरिका ने लगाए चीनी एआई कंपनियों पर प्रतिबंध
इन चिंताओं के जवाब में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीनी AI कंपनियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर प्रतिबंध लगाए हैं. वहीं, यूरोपीय संघ संवेदनशील डेटा को संभालने वाली AI सेवाओं के लिए नियामक उपायों पर विचार कर रहा है. भारत भी अपनी सीमाओं के भीतर संचालित होने वाली विदेशी AI एप्लिकेशनों को लेकर अपनी नीतियों की समीक्षा कर रहा है.
डीपसीक की यह स्थिति न केवल तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षा को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि वैश्विक स्तर पर डेटा गोपनीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए. इस बीच, कंपनी के इंजीनियरों पर लगे यात्रा प्रतिबंध ने तकनीकी प्रतिभाओं की स्वतंत्रता पर भी बहस छेड़ दी है.