India China Tariff Dispute: अमेरिका द्वारा चीनी वस्तुओं पर भारी-भरकम टैरिफ लगाए जाने के फैसले के बाद चीन ने भारत से इस कदम के खिलाफ मिलकर खड़े होने की अपील की है. ट्रंप प्रशासन द्वारा 104% तक के टैरिफ लागू करने की घोषणा के बाद चीन ने इसे 'एकतरफा और अनुचित' बताया है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
चीनी दूतावास की दो टूक: मिलकर मुकाबला करें
बता दें कि भारत में स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने मंगलवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, ''चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध पूरकता और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं. टैरिफ के अमेरिकी दुरुपयोग का सामना करते हुए... दो सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए.''
चीन की अर्थव्यवस्था पर पूरा भरोसा
वहीं यू जिंग ने अपने विस्तृत बयान में चीन की आर्थिक मजबूती का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसकी नींव एक मजबूत औद्योगिक प्रणाली, लगातार शोध एवं नवाचार में निवेश और स्थायी विकास पर आधारित है. उन्होंने कहा, ''चीनी विनिर्माण एक पूर्ण और निरंतर उन्नत औद्योगिक प्रणाली, अनुसंधान एवं विकास में निरंतर निवेश और नवाचार पर मजबूत ध्यान पर आधारित है.''
वैश्विक सहयोग का समर्थन
बताते चले कि यू ने बहुपक्षवाद और वैश्विक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की चीन की नीति पर ज़ोर देते हुए कहा, ''चीन आर्थिक वैश्वीकरण और बहुपक्षवाद का दृढ़ समर्थक है... हम WTO को केंद्र में रखते हुए बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा के लिए दुनिया के साथ मिलकर काम करते रहेंगे.''
'कोई विजेता नहीं होता टैरिफ युद्ध में'
आगे यू ने चेताया, ''टैरिफ और व्यापार युद्धों में कोई भी नहीं जीतता. सभी देशों को परामर्श आधारित प्रक्रिया अपनानी चाहिए और एकतरफा नीतियों और संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए.''
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और भड़का
हालांकि, ट्रंप सरकार ने 8 अप्रैल की आधी रात से चीन के सभी आयातों पर 104% टैरिफ लागू कर दिए. इसके बदले में चीन ने भी 'अंत तक लड़ने' की बात कही है और जवाबी कार्रवाई की योजना जाहिर की है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ''यह कदम पूरी तरह से निराधार है और धमकाने वाला है.'' मंत्रालय ने आगे कहा, ''हमारे जवाबी कदम सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हैं, ये पूरी तरह से वैध हैं.''