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बच्चों और महिलाओं के हो गए चिथड़े-चिथड़े, सूडान के बाजार में हुआ भयंकर हमला, 54 की हो गई मौत

सूडान के ओमदुरमान शहर में एक खुले बाजार पर हुए हमले में 54 लोग मारे गए और कम से कम 158 लोग घायल हो गए हैं. यह हमला सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के बीच हुआ, जो देश को बर्बादी की कगार पर ले आया है. यह हमला तब हुआ जब कुख्यात रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) ने सबरीन बाजार को निशाना बनाया.

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सूडान के ओमदुरमान शहर में एक खुले बाजार पर हुए हमले में 54 लोग मारे गए और कम से कम 158 लोग घायल हो गए हैं. यह हमला सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के बीच हुआ, जो देश को बर्बादी की कगार पर ले आया है. यह हमला तब हुआ जब कुख्यात रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) ने सबरीन बाजार को निशाना बनाया. इस हमले में अधिकांश मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, यह हमला शनिवार को हुआ और इसमें 54 लोगों की मौत हो गई. घायलों में भी कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के हमले ने सूडान में चल रहे गृहयुद्ध को और बढ़ा दिया है, जिसमें पहले से ही हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं.

हमले की निंदा

सूडान के संस्कृति मंत्री और सरकारी प्रवक्ता, खालिद अल-एलेसीर ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस हमले में महिलाओं और बच्चों की बड़ी संख्या में मौत हुई है. उन्होंने इसे एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन बताया. उनका कहना था कि यह हमला रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के खूनी रिकॉर्ड में एक और काले धब्बे के रूप में दर्ज हुआ है.

सूडान के डॉक्टरों के संघ ने बताया कि इस हमले में एक मोर्टार शेल अल-नाव अस्पताल के पास गिरा, जहां अधिकांश घायलों का इलाज किया जा रहा था. अस्पताल में गंभीर कमी थी, खासकर सर्जनों और नर्सों की. अस्पताल के बाहर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मारे गए लोगों के शवों को गिनती के साथ अस्पताल के बाहर रखा हुआ दिखाया गया. अस्पताल के अंदर घायल लोग इलाज के लिए तड़प रहे थे.

गृहयुद्ध की स्थिति

सूडान में यह युद्ध अप्रैल 2023 से जारी है, जब रैपिड सपोर्ट फोर्सेस ने सेना के साथ टकराव शुरू किया था. अब तक यह युद्ध 28,000 से अधिक लोगों की जान ले चुका है और लाखों लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने घर छोड़कर भाग चुके हैं. सूडान के कई हिस्सों में अकाल और भुखमरी का संकट गहरा गया है, जिसके कारण लोग घास तक खाने को मजबूर हैं. 

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने सूडान में हो रही जातीय हत्याओं और बलात्कार की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच शुरू कर दी है. अमेरिका ने रैपिड सपोर्ट फोर्सेस और उसके सहयोगियों पर नरसंहार करने का आरोप भी लगाया है.