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India Daily

'पुल बनाएं, दीवार नहीं और युद्ध रोकें', पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल हुए डोनाल्ड ट्रंप को किसने दिया ये संदेश?

रे के भाषण को कैथोलिक समुदाय के लिए भी एक आंतरिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि अब जल्द ही नए पोप के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी. ऐसे में पोप फ्रांसिस की विचारधारा को आगे बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Cardinal Giovanni Battista Re told Donald Trump to build bridges not walls as he attended Pope Franc
Courtesy: Social Media

Donald Trump in Pope Francis funeral: शनिवार को वैटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में दुनिया भर के नेता शामिल हुए. इस मौके पर इटली के कार्डिनल जियोवानी बत्तिस्ता रे ने एक ऐसा संदेश दिया, जो सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं था, बल्कि एक वैश्विक अपील भी थी. उन्होंने प्रवासियों के लिए करुणा, युद्धों का अंत और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

कार्डिनल रे ने पोप फ्रांसिस के जीवन और विचारों को याद करते हुए कहा, "वे मानव संवेदना से भरपूर थे और उन्होंने आज की चुनौतियों को दिल से महसूस किया."  उन्होंने विशेष रूप से पोप फ्रांसिस के उस कथन को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था, "जो व्यक्ति दीवारें बनाना चाहता है, और पुल नहीं, वह मसीही नहीं हो सकता." यह कथन पोप ने 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दिया था, जब ट्रंप ने प्रवासियों को देश से बाहर निकालने की नीति अपनाई थी.

राजनीतिक मतभेद और मानवीय मूल्यों की टकराहट

पोप फ्रांसिस और ट्रंप के बीच कई वर्षों से प्रवासियों को लेकर मतभेद रहे हैं. जहां ट्रंप ने प्रवासियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया, वहीं पोप ने हमेशा करुणा और स्वागत की नीति को प्राथमिकता दी. कार्डिनल रे ने अपने भाषण में इस अंतर को स्पष्ट करते हुए पोप की सोच को दुनिया के नेताओं के सामने रखा.

दुनिया के नेताओं को मिला संदेश

इस समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित 50 से अधिक देशों के शीर्ष नेता उपस्थित थे. करीब 2.5 लाख लोग इस अंतिम यात्रा में शामिल हुए. कार्डिनल रे का भाषण न केवल श्रद्धांजलि था, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय संदेश भी था – एक बेहतर, करुणामयी और एकजुट दुनिया की ओर कदम बढ़ाने का.