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पाकिस्तान में मौलवियों का फरमान, आम चुनावों में महिला कैंडिडेट न करें प्रचार

Pakistan News: उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के कोहिस्तान में मौलवियों ने महिला चुनाव उम्मीदवारों के आम चुनाव में प्रचार करने के खिलाफ फतवा जारी किया है. इसमें कहा गया है कि महिलाओं को चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिए.

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Edited By: Shubhank Agnihotri
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हाइलाइट्स

  • महिला उम्मीदवारों ने साधी फतवे पर चुप्पी 
  • सैकड़ों मौलवियों ने किया समर्थन

Pakistan News: उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के कोहिस्तान में मौलवियों ने महिला चुनाव उम्मीदवारों के आम चुनाव में प्रचार करने के खिलाफ फतवा जारी किया है. इसमें कहा गया है कि महिलाओं को चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिए. फतवा जारी करने वाले मौलवी ज्यादातर जमीयत उलेमा ए इस्लाम फजल के सदस्य हैं. मौलवियों के समूह ने कहा कि घर-घर जाकर वोट मांगना इस्लामी कानून के खिलाफ है.

महिला उम्मीदवारों ने साधी फतवे पर चुप्पी 

कोहिस्तान में पहली बार तीन महिलाएं चुनावी मैदान में उतरी हैं. मौलवियों ने जोर देकर कहा है कि इस फतवे को न मानना पाप होगा. पाकिस्तान में पहले ही महिलाओं को पुरुषों के बराबर का हक हासिल नहीं है.अगले महीने आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए पीटीआई ने तहमीना फहीम को पीके-31 कोहिस्तान-आई सीट से कैंडिडेट बनाया है. वहीं, मोमिना बासित को पीके-33 कोलाई पलास सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. महिलाओं ने मौलवियों द्वारा जारी किए गए फतवे पर किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. 

सैकड़ों मौलवियों ने किया समर्थन

कोहिस्तान जिले के कंडिया इलाके में मौलवियों की एक बैठक के बाद मदरसा प्रमुख मुफ्ती गुल शहजादा ने प्रचार कर वोट न मांगने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि महिलाओं को चुनाव प्रचार अभियान में वोट नहीं मांगना चाहिए. यह इस्लाम के शरिया कानून के खिलाफ है. मौलवियों द्वारा जारी किए गए फतवे का कोहिस्तान क्षेत्र के लगभग 400 से ज्यादा मौलवियों ने समर्थन किया है.