Canada News: कनाडा सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से अपने संघीय न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की है, जिससे भारतीय छात्रों और कार्यकर्ताओं को कुछ राहत मिल सकती है. यह वृद्धि उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो निजी क्षेत्र में काम करते हैं और जिनकी आर्थिक स्थिति बढ़ती महंगाई के कारण कठिनाई का सामना कर रही थी.
कनाडा सरकार ने संघीय न्यूनतम मजदूरी को 17.30 कनाडाई डॉलर से बढ़ाकर 17.75 कनाडाई डॉलर प्रति घंटा कर दिया है. न्यूनतम वेतन में की गई बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. इस बढ़ोतरी से ना केवल स्थानीय नागरिकों को बल्कि भारतीय प्रवासियों को भी फायदा हो सकता है, जो कनाडा में काम कर रहे हैं या पढ़ाई कर रहे हैं.
अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
कनाडा के श्रम मंत्री स्टीवन मैककिनन ने इस वृद्धि के बारे में बयान देते हुए कहा, "संघीय न्यूनतम वेतन कर्मचारियों और व्यवसायों दोनों के लिए स्थिरता और निश्चितता लाता है और इससे आय असमानता को कम करने में मदद मिलती है. यह कदम एक समृद्ध और न्यायपूर्ण अर्थव्यवस्था की दिशा में एक कदम और बढ़ाएगा."
भारतीय प्रवासियों को क्या मिलेगा फायदा?
कनाडा में भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और यह वेतन वृद्धि भारतीयों के लिए एक राहत का कारण बन सकती है. भारतीय समुदाय कनाडा की कुल जनसंख्या का लगभग 3.7% है और उनमें से बड़ी संख्या में लोग अस्थायी श्रमिकों (गिग इकॉनमी) के रूप में काम करते हैं. 2024 में, भारतीय अस्थायी श्रमिकों की संख्या कनाडा के कुल अस्थायी कार्यबल का लगभग 22% है.
इस बढ़ोतरी से भारतीय प्रवासी, जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे खुदरा, स्वास्थ्य देखभाल, निर्माण आदि में काम कर रहे हैं, को सीधा लाभ मिलेगा. खासकर वे छात्र जो पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करते हैं, उन्हें इस वेतन वृद्धि से राहत मिलेगी.
भारतीय छात्रों के लिए राहत
कनाडा को भारतीय छात्रों के लिए एक प्रमुख अध्ययन स्थल माना जाता है, खासकर कंप्यूटर विज्ञान, व्यापार, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य विज्ञान और आईटी जैसे क्षेत्रों में. भारतीय छात्र कनाडा के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
कनाडा की उच्च शिक्षा रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय छात्र 2021 में कनाडा की अर्थव्यवस्था में लगभग 4.9 बिलियन डॉलर का योगदान देंगे. साथ ही, भारतीय छात्र कनाडा में सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय छात्र समूह का हिस्सा हैं.